पटना ब्‍यूरो। धार्मिक एकता ट्रस्ट की ओर से पूरे देश में चलाए जा रहे कर्ज मुक्त भारत अभियान के तहत दिल्ली मोड़ के पास कैंप लगाया गया और कर्ज के मकड़ जाल में फंसे लोगों के दर्द को सुना गया। यही नहीं, उस मकड़ जाल से कैसे निकले इसका भी उपाय बताया गया। यह सब नि:शुल्क हो रहा है।

कैंप में कर्ज के दलदल में फंसे 70 लोगों ने शुक्रवार को रजिस्ट्रेशन कराएं तो वहीं पूर्व में आवेदन कर चुके 50 लोगों को कर्ज मुक्ति कार्ड दिया गया। पहले दिन जितने लोग कैंप में आए उनमें लगभग 30 महिलाएं थीं। इनमें ज्यादा निरक्षर या बेहद कम पढ़ी लिखी थीं। कैंप में कार्ड का वितरण और रजिस्टे्रशन किशोर कुमार भारतीय की अध्यक्षता में हुआ। वहीं राजकुमार भारतीय, जितेंद्र कुमार भारतीय, राकेश कुमार भारतीय आदि उपस्थित थे।

किशोर कुमार भारतीय ने कहा कि हमलोग पूरे देश में यह अभियान चला रहे हैं। पहले तो लोगों से आवेदन लेकर वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक में जमा करते थे और उनसे कर्ज मुक्ति या ईएमआई रोकने आदि का अनुरोध करते थे। लेकिन सरकार ने इस पर रोक लगा दी तो अब हमलोग आवेदन लेकर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने पर मंथन कर रहे हैं। जब देश के उद्योगपतियों का अरबों-खरबों रुपए कर्ज माफ हो सकता है तो आम जनता का क्यों नहीं।

किशोर कुमार भारतीय ने कहा कि हमारे उद्देश्य है कि कर्ज की वजह से कोई जीवन छति न हो। हम लोगों को कर्जा से उबारना चाहते हैं। उनकी काउंसलिंग करते हैं। यह अभियान तबतक चलेगा जबतक जरूरत मंद का कर्जा माफ नहीं हो जाता है। लोगों की काफी डिमांड हो रही है। इसलिए हमलोग दरभंगा के गांव -गांव में कैंप लगाएंगे। हालांकि हमारे पास संसाधन की बेहद कमी है।हर माह ईएमई लेते गए लेकिन कभी रिसिप्ट नहीं दिया:

कैंप कई तरह के केस आ रहे थे। स्कूल में खिचड़ी बनाने वाली एक महिला आई। उन्हें 1500 रुपए हर माह मिलते हैं। वो डेढ़ लाख कर्ज ली थी। हर माह वह इंस्टालमेंट भर रही थी। लेकिन उसे कोई रिसिविंग नहीं दिया जा रहा था। पूछने पर एजेंट हर बार छह माह और इंस्टॉलमेंट देने के लिए कह देता। एक महिला आई उसके पति नारियल की दुकान खोलने के लिए कर्ज लिए थे। लेकिन उनको लकवा मार दिया। अब लोन भरने की स्थिति में नहीं है। इसी तरह एक महिला बताई कि वो कर्ज ली है। एक इंस्टालमेंट नहीं दिया तो 10 लोग घर में घुस कर बैठ गए।