पटना(ब्यूरो)। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस परिसर में वाहनों के लिए सुरक्षित पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इस कमी का लाभ उठाते हुए वाहन चोर अस्पताल में सक्रिय हो गए हैं। पुलिस के अनुसार हर महीने दो से चार बाइक अस्पताल परिसर से चोरी हो रही है। चोरी की बढ़ती घटनाओं से परेशान आलमगंज थाना अन्तर्गत नगर पुलिस चौकी द्वारा जगह-जगह पोस्टर चिपका कर मोटरसाइकिल चोर और पॉकेटमारों से सावधान किया गया है। बाइक में अतिरिक्त लॉक लगाने की पुलिस लोगों को सलाह दे रही है।

सभी भयभीत

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बाइक लेकर आने वाले मरीजों के स्वजन, डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी सभी वाहन चोरी की बढ़ती घटना से भयभीत हैंं। दो दिन पहले ही एक डॉक्टर की बाइक चोरी हो गई। डर से लोग मोटरसाइकिल को इमरजेंसी व दवा वितरण काउंटर, विभाग व वार्ड के अंदर, ओटी व सीटी स्कैन के लिए जाने वाले रैंप पर लगाते हैं। बाइक को जंजीर में जकड़ा जाता है। डर से कर्मी सेंटर आफ एक्सीलेंस के अंदर मरीज के बैठने की जगह, सीढ़ी के समीप, कमरे में बाइक खड़ी करते हैं।

वाहन चोर को नहीं पकड़ पाती पुलिस

अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बाइक चोरी होने का सीसीटीवी फुटेज हर बार पुलिस को दिया जाता है। उसमें चेहरा साफ रहता है लेकिन पुलिस चोर तक नहीं पहुंच पाती है। समय समय पर अस्पताल द्वारा कर्मियों की टोली बनाकर चोर को पकडऩे के लिए अभियान चलाया जाता है। छह माह पहले आठ दस चोर को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया था।

सुरक्षा में पुलिस पोस्ट, 175 निजी गार्ड, 250 कैमरे

सुरक्षा के लिए एनएमसीएच परिसर में ही पुलिस पोस्ट है। 175 निजी सुरक्षा गार्ड की तीनों पाली में तैनाती है। 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन कैमरों को नियंत्रित करने के लिए चार कक्ष हड्डी रोग विभाग के ओपीडी के समीप, पेईंग वार्ड, पीएसएम विभाग के समीप, सेंटर आफ एक्सीलेंस में है।

मास्टर-की का इस्तेमाल, हर बार नया चेहरा

एनएमसीएच स्थित पोस्ट की पुलिस ने बताया कि बाइक चोरी करने वाला हर बार नया चेहरा होता है। अधिकांश किशोर और 20 साल से कम उम्र के युवक होते हैं। बाइक चोरी करने के लिए यह मास्टर की का इस्तेमाल करते हैं। इनका पूर्व से कोई पुलिस रिकार्ड नहीं होता है इसीलिए सीसीटीवी फुटेज में इनका चेहरा पहचानने के बाद भी इन तक पहुंचना मुश्किल होता है।