कि आखिर माजरा क्या है

जहां-जहां पुलिस टीम का जत्था पहुंचता, वहां पब्लिक की भीड़ जुट जाती थी। लोग उत्सुकता से पुलिस की  कार्रवाई को देख रहे थे, लेकिन समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर माजरा क्या है.पुलिस की टीम सर्च करते-करते लास्ट में 9टू9 पहुंची। यहां पब्लिक की भीड़ थी। सबों को बाहर ही रोक दिया जाता है। इस बीच टीम के मेंबर व स्निफर अपना काम शुरू करता है। लोगों में कौतूहल रहता है कि कोई टेररिस्ट पकड़ा जाएगा। फायरिंग हो सकती है या फिर एक्सप्लोसिव से धमाका पॉसिबल है। जितनी मुंह उतनी बातें बाहर होती रहीं।

हो गई जांच अब मसाज करा लें

मगर यह क्या, अभियान में जुटे तीनों पुलिस ऑफिसर मेंस पार्लर में एंटर किए। अंदर एसी में माहौल कूल-कूल था। इस बीच मेजर मो। मसलेउद्दीन, खाजेकलां थाना के एसएचओ प्रेम सागर व आलमगंज थाना के एसएचओ बीके सिंह चेयर पर निढाल हो गए। पार्लर स्टाफ ने भी तुरंत टॉवेल लगाकर अपना काम शुरू कर दिया। मेजर मो। मसलेउद्दीन मसाज करा रहे थे, तो आलमगंज थाना के एसएचओ की बॉडी पर टॉवेल था। स्टाफ वेट कर रहा था कि साहब फ्री हों तो और मसाज किया जाए। सेल पर कोई उन्हें नौकरी लेने की थ्रेटिंग दे रहा था।

गर्मी से परेशान थे जवान

इधर बाहर में पब्लिक मामला समझने को बेताब थी। पुलिस वाले व स्निफर गर्मी में अपने साहब के आने का वेट कर परेशान थे। अंतत: तीनों बाहर निकले और तब पुलिस बल ने राहत की सांस ली। पब्लिक हैरान ही रह गई कि इतनी देर तक पुलिस ऑफिसर अंदर रहे, मगर कुछ भी हाथ नहीं लगा। ऑफिसरों के चेहरे हेल्दी व फ्रेश दिख रहे थे।

anand.kesari@inext.co.in