शराब व्यवसायी साकेत गुप्ता की हत्या मामले में आठ लोगों को नामजद किया गया था। इसमें उस वक्त एक और ट्विस्ट आ गया जब एक नेम्ड अक्यूज प्रेम सिंह की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली। प्रेम सिंह की हत्या भी इसी केस की कड़ी थी। अब पुलिस को एक नहीं दो केस को सुलझाना है। अबतक एक भी मामले में पुलिस का निशाना सही जगह नहीं लग पाया है। हर दिन पुलिस दावे करती है कि मामला खुल जायेगा मगर लगभग एक महीने होने वाले हैं और हत्या का कारण पर अब भी सिर्फ कयास ही लगाये जा रहे हैं। शराब व्यापार को हत्या का कारण पुलिस ने भी माना मगर इसे अबतक  साबित नहीं कर पायी है।

सारे बिन्दु मुकेश

पुलिस ने हत्या कर भाग रहे दो अपराधियों राजू सिन्हा और अशोक उर्फ पिन्टू को घटना के चंद मिनट बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। इन दोनों ने पूछताछ में बताया कि छह लाख रुपये में साकेत की हत्या करने की फिरौती मुकेश ने दी थी। मुकेश भी शराब कारोबारी है। हत्या में शामिल पिन्टू और राजू दोनों सिर्फ मुकेश को ही जानते थे। इस हत्याकांड के खुलासे में अब पुलिस के लिए मुकेश ही तुरूप का पत्ता था। हालांकि इस मामले में इन तीनों के अलावा पांच अन्य लोगों को भी नामजद किया गया। मुकेश, प्रमोद और पंकज सिंह ने तो सरेंडर कर दिया। पुलिस ने कुक्कु को गया से अरेस्ट कर लिया। जबकि एक अपराधी गोगो अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। इस बारे में सिटी एसपी किम ने मामले के जल्द खुलासे का दावा तो किया मगर कोई नये डेवलपमेंट से फिलहाल इंकार किया है।

सवाल जो जिन्दा हैं

- आखिर साकेत गुप्ता की हत्या क्यों की गयी?

-असली मास्टर माइंड कौन है?

-प्रेम सिंह की हत्या किन लोगों ने की?

-मुकेश ने पुलिस को आखिर क्या खुलासे किये?

-प्रेम सिंह को आखिर किसने फोन कर बुलाया?

-शराब कारोबार के अलावा कोई और मामला तो नहीं?

-पांच नामजद जेल में फिर भी पुलिस ने नहीं खोला राज?

घटनाक्रम पर नजर

7 मई - कुम्हरार पार्क में साकेत गुप्ता को गोलियों से भून डाला

7 मई - राजू और पिन्टू दबोच लिये गये

9 मई - साकेत मर्डर के अक्यूज प्रेम सिंह की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली

15 मई - प्रमोद ने सिटी कोर्ट में किया सरेंडर

19 मई - मुकेश शर्मा ने किया सिटी कोर्ट में सरेंडर

20 मई- पंकज ने आरा कोर्ट में किया सरेंडर

ये हैं नामजद

प्रेम सिंह - हत्या कर दी गयी।

मुकेश शर्मा - जेल में।

प्रमोद यादव- जेल में।

राजू सिन्हा- जेल में।

पिन्टू कुमार - जेल में।

पंकज कुमार - जेल में।

कुक्कु कुमार - जेल में।

गोगो- गिरफ्त से दूर।