PATNA : आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) में सोमवार से साइबर अपराध जांच विषय पर पांच दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हुई। शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए डीजी बीएमपी संजीव सिंघल ने पुलिस कर्मियों को साइबर अपराधियों पर नकेल कसने का पाठ पढ़ाया। ईओयू के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि पुलिस अफसरों को साइबर तकनीक से वाकिफ होना जरूरी हैं। साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के मद्देनजर पुलिस को इसका ज्ञान रखना होगा, तभी हम कारगर कार्रवाई कर सकते हैं। ईओयू अभी तक 249 थानाध्यक्षों को प्रशिक्षित कर चुका हैं।

बकौल गंगवार, केंद्र सरकार के निर्देश पर महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध साइबर क्राइम की घटनाओं की रोकथाम के लिए देशभर में 25 हजार पुलिस अफसर (इनमें 2500 महिला पुलिस अफसर) और 13 हजार न्यायिक पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। बिहार के 2200 पुलिस अफसर, लोक अभियोजन और न्यायिक पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करना है। इसी क्रम में 700 थानाध्यक्षों को प्रशिक्षण दिया जाना है। इनमें 50 महिला थाना प्रभारी भी शामिल हैं। अब तक सात बैच का प्रशिक्षण हो चुका है, जिनमें 249 थानाध्यक्ष (29 महिला) को प्रशिक्षित किया गया है।

एडीजी ने बताया कि इसके अलावा बिहार के थानों में तैनात सौ महिला सहित 1100 पुलिस अफसरों को साइबर क्राइम और साइबर कानून विषय पर जागरूक करना हैं। गंगवार ने बताया कि बिहार की आबादी 13 करोड़ हैं। इनमें 7 करोड़ लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, 4 करोड़ लोगों द्वारा स्मार्टफोन का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईओयू के साइबर सेल द्वारा साइबर अपराध के मामलों में जिला पुलिस को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जाती है। वर्ष 2012 में मात्र 51 मामले में जिला पुलिस द्वारा सहायता मांगी गई थी। वहीं 2019 में 280 मामलों में जिला पुलिस द्वारा तकनीकी सहायता की मांग की गई थी।