पटना (ब्यूरो)। एक तरफ पटना में पॉल्यूशन को लेकर आम से लेकर खास तक चिंता जता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लापरवाही से पॉल्यूशन का स्तर दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। अगर इसी माह दिसंबर की बात करें तो पटना का एयर क्वालिटी इनडेक्स (एक्यूआई लेवल) 250 से 400 के बीच यानी खराब ही रहा है। सरकार और संबंधित विभाग की ओर से पॉल्यूशन स्तर को कम करने के लिए निर्माण कार्य एरिया कवर कर हवा में धूल कण फैलने से रोकने की कोशिश की बात हो रही है, लेकिन शहर में डेवलपमेंट को लेकर चल रहे अधिकांश निर्माण कार्य की ओर नजर डालें तो सरकार के किसी निर्देश का पालन ढंग से नहीं हो रहा है। इसका उदाहरण हम पीएमसीएच में चल रहे निर्माण कार्य को ही ले सकते हैं। अस्पताल जहां मरीज इलाज के लिए जाते हैं वहां पॉल्यूशन के कारण सांस और अन्य बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं, क्योंकि वहां चल रहे निर्माण कार्य वाले एरिया को कवर नहीं किया गया है। इससे धूल कण पर्याप्त मात्रा में अस्पताल परिसर में उड़ रहे हैं। जिस वजह से स्वस्थ लोग भी बीमार हो रहे हैं।

तीमारदार भी हो रहे बीमार
पीएमसीएच में पुराने भवन को तोड़कर नए भवन का निर्माण कार्य चल रहा है। जहां निर्माण कार्य हो रहा है उससे 100 मीटर की दूरी पर अस्पताल का मुख्य इमरजेंसी और कई विभाग हैं। जहां प्रति दिन हजारों की संख्या में लोग आते जाते हैं। भवन निर्माण के दौरान उडऩे वाले धूल कण से स्वस्थ लोग भी बीमार हो रहे हैं। मधुबनी से अपने भाई का इलाज कराने आए चंदन ने बताया कि एक तो पटना का पॉल्यूशन लेवल बढ़ गया है दूसरी तरफ अस्पताल के धूल कण से लोग परेशान हैं। आलम ये है कि आंख में तेज दर्द होने लगा है।

निर्माण एरिया को नहीं किया गया कवर
शहर में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन को लेकर एक्सपर्ट और सरकार की ओर से सलाह दी जा रही है कि अगर कहीं निर्माण कार्य चल रहा है तो उस एरिया को कवर करना आवश्यक है। जिससे आसपास के लोगों को धूल कण प्रभावित नहीं करेगा। मगर राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में इस नियम को दरकिनार कर निर्माण कार्य किया जा रहा है।

सुरक्षा पर भी ध्यान नहीं
पीएमसीएच जहां पटना ही नहीं आसपास के जिलों से भी लोग इलाज के लिए ये उम्मीद लेकर आते हैं कि यहां उनका समुचित इलाज हो जाएगा। और वे ठीक होकर घर जाएंगे। मगर यहां आने के बाद पता चलता है कि एक बीमारी तो ठीक हुआ मगर दूसरी बीमारी से वे ग्रसित हो गए है। कारण पता चलने पर लोग अस्पताल प्रशासन को कोसते रहते हैं। वजह अस्पताल की लापरवाही है। इतना ही नहीं नियमानुसार जहां निर्माण कार्य होगा वहां निर्माण संबंधित बोर्ड भी होना आवश्यक है, लेकिन यहां न तो बोर्ड है और न ही आम आदमी को इधर आने से रोकने के लिए गार्ड की तैनाती की गई है। मगर यहां जिसको मन हो रहा है नजारा देखने के लिए पहुंच जाता है।

पुराने भवन सब जर्जर हो गए हैं। इसलिए नए भवन का निर्माण कार्य हो रहा है। जहां विभागों को शिफ्ट किया जाएगा। रही बात निर्माण एरिया कवर करने की तो इसे चेक करवा लेता हूं।
- डॉ। विद्यापति चौधरी, प्राचार्य, पीएमसीएच