पटना (ब्यूरो)। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह की जन्मस्थली तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में 28 मार्च 2017 को झारखंड की तत्कालीन राज्यपाल और वर्तमान में नवनियुक्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दरबार साहिब में मत्था टेक गुरुघर का आशीष लिया था। तब उन्होंने संगत को संबोधित करते कहा था कि बिहार का सौभाग्य है कि यहां गुरु गोङ्क्षवद ङ्क्षसह जन्में हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे दशमेश गुरु के दरबार में मत्था टेकने का अवसर मिला। एक महान वीर, सैन्य कौशल में निपुण और आदर्श व्यक्तित्व वाले शख्स के रूप में इतिहास हमेशा दशमेश गुरु को याद रखेगा। संगत को संबोधित करते द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि सेवा-सत्कार, सौजन्य और सहयोग बिहारवासियों के रग-रग में बसता है। उन्होंने बताया था कि झारखंड राजभवन में भी धूमधाम से दशमेश गुरु का 350 वां प्रकाशपर्व मनाया गया है।

पटना सिटी वासियों में खुशी
तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी इकबाल ङ्क्षसह ने राज्यपाल को सिरोपा देकर सम्मानित करते हुए कहा था कि इस पावन धरती पर नतमस्तक होने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती है। प्रबंधक समिति के तत्कालीन वरीय उपाध्यक्ष सरदार शैलेंद्र ङ्क्षसह ने इतिहास की जानकारी देते हुए बताया था कि प्रथम, नवें व दसवें गुरुओं ने अपने चरणों से इस धरती को पवित्र किया है। द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों, सदस्यों तथा पटना सिटी वासियों में खुशी है।