इलेक्शन हर यूनिवर्सिटी में हर साल होने चाहिए

स्टूडेंट्स यूनियन के इलेक्शन हर यूनिवर्सिटी में हर साल होने चाहिए। लिंगदोह कमेटी के सिफारिशों के अनुसार न्यू सेशन स्टार्ट होने के छह वीक के अंदर ये चुनाव हो जाने चाहिए। लेकिन 6 वीक नहीं पीयू का नया एकेडमिक सेशन शुरू हुए 9 वीक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक पुसू इलेक्शन की सुगबुगाहट तक शुरू नहीं हो सकी है।

अपनी-अपनी politics

पुसू के फ्रेश इलेक्शन को लेकर स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के अलग-अलग स्टैंड सामने आते रहे हैं। जिन ऑर्गनाइजेशन के रिपे्रजेंटेटिव पिछले साल कॉलेज या यूनिवर्सिटी लेवल पर कोई सीट नहीं जीत पाए थे, उन्होंने न्यू सेशन शुरू होते ही यह मांग शुरू कर दी कि यूनियन भंग कर दिया जाए क्योंकि इसका कार्यकाल पूरा हो गया है। वहीं पुसू ऑफिस बीयरर्स और उनके ऑर्गनाइजेशन की यह मांग रही है कि  फ्रेश एलेक्शन होने तक यूनियन को भंग नहीं किया जाए।

फिर बाधित होंगे exam!

पुसू इलेक्शन की तैयारियों के संबंध में पीयू वीसी डॉ। एके सिन्हा का कहना है कि अभी यह कहना पॉसिबल नहीं है नए इलेक्शन कब होंगे। साथ ही वे यह भी जोड़ते हैं कि चूंकि इलेक्शन से लॉ एंड ऑर्डर का भी मामला जुड़ा है, ऐसे में इस सबंध में गवर्नमेंट को कांफिडेंस को लेना भी जरूरी होगा। पीयू की तैयारियों को देखते हुए ऐसे में अब छठ पूजा वैकेशन के बाद ही इलेक्शन प्रॉसेस शुरू होने की संभावना है। और अगर ऐसा हुआ तो एक बार फिर सेमेस्टर एग्जाम में परेशानी हो सकती है।

नया स्टेट्यूट अब तक नहीं है अस्तित्व में

लास्ट इयर का चुनाव पुसू ऑफिस बीयरर्स से रिलेटेड पुराने स्टेट्यूट पर ही हुए थे। लेकिन इसके बाद पीयू एडमिनिस्ट्रेटिव ने यह महसूस किया कि समय की जरूरतों को देखते हुए नया स्टेट्यूट तैयार किया जाना चाहिए। इसके लिए डॉ। वीएस दूबे की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई और इसने ड्राफ्ट कंस्टीट्यूट पीयू को सौंप भी दिया। लेकिन चार महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी पीयू एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे अप्रूवल के लिए गवर्नर के पास भेजा तक नहीं है। अभी पीयू द्वारा इस पर राय-मशवरे लेने का ही दौर चल रहा है। ऐसे में नये स्टेट्यूट का अस्तित्व में नहीं आ पाना भी इलेक्शन प्रॉसेस शुरू नहीं होने की एक बड़ी वजह है।

National News inextlive from India News Desk