- 200 किमी रेंज तक की पूरी जानकारी ही दे पाता है रडार

- 25 व 26 अप्रैल के अलर्ट की खबर कर दी गई है नॉर्मल

- जलपाईगुड़ी में एक और रडार लगाने की है योजना

PATNA: ख्भ् व ख्म् अप्रैल को मौसम विभाग की ओर से किया गया पूर्वानुमान एक जनरल अलार्मिग है। मौसम विभाग दावा नहीं कर रहा कि इन दो दिनों में आंधी आएगी या नहीं, पर बंगाल, नेपाल और बिहार के बॉर्डर वाले एरिया में क्लाउड बन रहा है, इसलिए थोड़ी उम्मीद की जा रही है। इसी को देखते हुए जनरल अलार्मिग की गई है। आश्चर्य यह कि पूर्णिया व सुपौल जैसे जिले बिहार सरकार के मौसम विभाग के रडार के दायरे से बाहर हैं। मौसम विभाग की मानें, तो वो यह भी बता नहीं पाएगा कि आंधी किस रूट से आएगी, जबकि दो दिन पहले आई आंधी की जानकारी अगर सही समय पर मिल जाती, तो इतनी मौत नहीं होती। चौंकाने वाली बात यह है कि इतनी बड़ी तबाही के बाद भी मौसम विभाग यह मानने को तैयार नहीं है कि कोई गलती हुई है।

रडार में सात बजे दिखी आंधी

मौसम विभाग ने बताया कि करीब सात बजे समस्तीपुर व दरभंगा के आसपास आंधी दिखा था। फौरन दरभंगा को अलर्ट कर दिया गया, पर दरभंगा से आंधी अचानक दो रूट एक सुपौल और दूसरा पूर्णिया की ओर निकल गई। दोनों एरिया मौसम विभाग के रडार से बाहर है। इस वजह से ब्भ् मिनट की उस आंधी की सही-सही जानकारी नहीं मिल पाई, जबकि आंधी की लंबाई क्भ् किमी और चौड़ाई क्म् किमी थी। जब आंधी भागलपुर पहुंचकर खत्म हुई तब मौसम विभाग को सही-सही जानकारी मिल पाई, क्योंकि भागलपुर मौसम विभाग के रडार के दायरे में है।

जलपाईगुड़ी में लगेगा रडार

पटना मौसम विभाग के रडार से बाहर वाले एरिया तक पहुंचने के लिए मौसम विभाग की ओर से बंगाल के बॉर्डर एरिया खासकर जलपाईगुड़ी में रडार लगाया जा रहा है, ताकि उस एरिया को रडार के दायरे में लाया जा सके।

ऐसे तबाही लेकर आई आंधी

मौसम विभाग के रडार ने ख्क् अप्रैल की शाम सात बजे के करीब समस्तीपुर एरिया में चक्रवात को देखा। प्रेशर देख सभी निश्चिंत थे। मौसम विभाग दरभंगा को जनरल अलार्मिग देकर शांत बैठ गए। दरभंगा के पास आंधी का प्रेशर अचानक बढ़ गया। जब तक प्रेशर को समझ पाते, आंधी दो भागों में बंट आगे निकल गई। एक सुपौल और दूसरा पूर्णिया। दोनों क्षेत्र मौसम विभाग के रडार के दायरे से बाहर था। लिहाजा, मौसम विभाग को कुछ पता नहीं चल पाया। जब तक साइंटिस्ट कुछ समझ पाते, तब तक आंधी भागलपुर पहुंच गई। रात एक बजे मौसम विभाग को पता चला कि भारी तबाही मची है।

आंधी मौसम विभाग के रडार के दायरे में आती है, तो तीन घंटे पहले उसकी जानकारी दी जा सकती है, पर दो सौ किमी के बाहर आंधी आती है, तो पूर्व सूचना देने में परेशानी आ सकती है।

-एके सेन, डायरेक्टर, मौसम विभाग