PATNA :

एस के पुरी स्थित आवास पर रामविलास पासवान का शव लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। यहां चिराग पासवान अपने परिजनों के साथ मौजूद थे। पिता को खोकर भी चिराग पासवान अधिकांश समय काफी हद तक संयमित रहे। उन्होंने घर से घाट तक अपने परिजनों को संभाला। कभी मां रीना पासवान को ढांढस बंधाते रहे तो कभी बहन निशा को।

चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस, चिराग के चचेरे भाई सांसद प्रिंस राज, कृष्ण राज और यश राज अपनी भावनाओं को बमुश्किल से रोक पा रहे थे। यूं कहें वो चिराग ही थे जो परिवार के हर सदस्य को संभालते नजर आ रहे थे।

दीघा घाट पर भी चिराग ने ही अपने पिता का अंतिम दर्शन कराने के दौरान मां और बहन समेत अन्य रिश्तेदारों को संभाला। जब पिता को मुखाग्नि देने की बारी आई तब चिराग खुद की भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। वे बेसुध होकर गिर पड़े तब उन्हें परिजनों ने सहारा देकर संभाला और ढांढस बंधाया।

रामविलास पासवान के अंतिम दर्शन करने और श्रद्धांजलि देने के लिए श्रीकृष्णापुरी स्थित आवास पर काफी संख्या में नेता और कार्यकर्ता पहुंचे। उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और रामदास अठावले, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, जदयू के प्रधान महासचिव आरसीपी सिंह, सांसद रामकृपाल यादव, पूर्व सांसद पप्पू यादव प्रमुख रूप से शामिल थे। इसी तरह दीघा घाट पर अंतिम विदाई देने वालों में सांसद महबूब अली कैसर व वीणा देवी, पूर्व सांसद सूरजभान, विधायक नीरज कुमार बल्लू, एमएलसी नूतन सिंह, लोजपा विधायक दल के नेता राजू तिवारी और विधायक राजकुमार शाह और जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह समेत अन्य नेता मौजूद थे।

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मुखाग्नि देते बेसुध हुए चिराग

दीघा घाट पर लोजपा के संस्थापक और अपने पिता रामविलास पासवान को चिराग पासवान मुखाग्नि देने की रस्म पूरी करने के दौरान बेसुध होकर गिर पड़े। मौके पर मौजूद परिवार के सदस्यों ने उन्हें किसी तरह संभाला।

इससे पहले चिराग की बहन निशा पासवान पिता का अंतिम दर्शन करते वक्त बेसुध-सी हो गई जिसे चिराग ने सहारा देते हुए संभाला। इसके पहले सांसद रामकृपाल यादव से मिलकर भी चिराग पासवान अपने आसुओं को नहीं रोक पाए और फूट फूटकर रोने लगे। चिराग के चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज भी अपनी आंसू रोक नहीं पा रहे थे।

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रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग

दिवंगत नेता एवं लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग केंद्र सरकार से उनके परिजनों ने की है। रामविलास पासवान के छोटे भाई एवं सांसद पशुपति कुमार पारस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार और देश की राजनीति में ऐतिहासिक योगदान करने वाले रामविलास पासवान जैसे महान नेता को केंद्र सरकार द्वारा भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। साथ ही, पारस ने दिल्ली में 12 जनपथ स्थित उनके आवास को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की। इस आवास में रामविलास तीन दशकों से ज्यादा समय तक रहे।

सांसद पारस ने कहा कि वे दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र सौंपकर रामविलास पासवान को भारत रत्न देने और उनके सरकारी आवास को स्मारक घोषित करने की मांग करेंगे। दूसरी ओर ¨हदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख एवं पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी पासवान को भारत रत्न देने की मांग की है। मांझी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर कहा है कि पासवान को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए और उनके दिल्ली आवास को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहिए। मांझी ने गया के अपने सभी कार्यक्रमों स्थगित कर शनिवार को रामविलास पासवान के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद मांझी ने मीडिया से कहा कि रामविलास पासवान दलितों एवं अभिवंचितों के लिए प्रेरणा स्त्रोत थे और रहेंगे।