पटना (ब्यूरो)। जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (डीआरसीसी) के सिंगल विंडो ऑपरेटर एवं मल्टीपर्पज असिस्टेंट कर्मी अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर भवन के मुख्य द्वार पर चार दिवसीय हड़ताल पिछले तीन दिन से बैठे हैं। यह हड़ताल 17 मार्च तक चलेगी। वहीं, कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से राज्य के 38 जिलों में कामकाज बाधित है। पटना में दूरदराज से आए सैकड़ों छात्र-छात्राओं का काम पेंडिंग में चला गया है। कर्मियों का कहना है कि यदि हमारी मांगों को सरकार पूरी नहीं करती है तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पड़ जाने को विवश होंगे।

सात निश्चय योजना से जुड़े काम प्रभावित

हड़ताल पर जाने से रोजाना सैकड़ों विद्यार्थियों को सात निश्चय योजना के तहत मिलने वाला लाभ नहीं मिल पा रहा है। पटना ओर उसके आसपास के क्षेत्र से आने वाले छात्र-छात्राओं को बिना काम किए वापस अपने घर लौटना पड़ रहा है।

चौधरी कमेटी की अनुशंसा लागू हो

संघ के प्रदेश अध्यक्ष आकाश सिंह ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि चौधरी कमेटी की अनुशंसा को लागू किया जाए। चौधरी कमेटी की अनुशंसा के तहत 60 साल के लिए नौकरी पक्की की जाए। दूसरी मांग उनका स्थानांतरण गृह जिले में किया जाए, ताकि वह अपने परिवार का भी सही से निर्वहन कर सकेंगे। तीसरी मांग है कि उन्होंने वेतन में बढ़ोतरी की जाए। चौथी मांग है कि उनके सिक्योरिटी मनी के तौर पर उनके एक माह के वेतन को जो काटा गया है, उन्हें ब्याज सहित लौटाया जाए। अंतिम पांचवी मांग है कि आपातकालीन छुट्टी और कैजुअल छुट्टी को बढ़ाया जाए।