पटना (ब्यूरो)। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो। चंद्रशेखर एक बार फिर विवादों में आ गए है। इस बार वे किसी विवादित बयान को लेकर नही बल्कि अपनी एक घोषणा को लेकर विवादों में आए हैैं। उनकी इस घोषणा को अमली जामा न पहनाए जाने के बाद से वे सोशल मीडिया पर शुक्रवार की देर शाम तक ट्रेंड करते रहे। सोशल मीडिया ट्विटर हैंडल पर प्तशिक्षामंत्रीइस्तीफादो देर शाम तक नंबर एक पर ट्रेंड कर रहा था। देखते ही देखते रात नौ बजे तक टॉप पर ट्रेंड करता रहा। समाचार लिखे जाने तक करीब 43.5 हजार लोगों ने इस पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

अनिल निगम नाम के यूजर ने लिखा कि ये केवल जंगलराज चलाना जानते हैं, समाज को जाति-पाती में बांटकर और वोट बैंक के दम पर सत्ता में बैठ गए, अब कौन लगाम लगाएगा, पता नहीं कब जनता जाति पाति का भेदभाव छोड़कर अच्छे इंसान को नेता चुनेगी। प्तशिक्षामंत्रीइस्तीफादो

वहीं मोहित राजा नाम के एक यूजर ने प्रो.शेखरआरजेडी, तेजस्वी यादव, सीएम नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा कि हम लोग चार सालों से सीटेट बीटेट पास करके रोड पर हैं। हमारे जज्बातों से खेला जा रहा है। इस मार्च महीने में नोटिफिकेशन जारी कीजिए, नहीं तो 24, 25 में कही का नही रहिएगा।

वहीं पुष्पम प्रिया चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि हमको प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनने ना दीजिए। फिर नौकरिए नौकरी। चलिए इसी बात पर रैली में आ जाइए। अरे आइए महाराज! का कीजिएगा घर में बैठकर। तो एक यूजर अमित ने लिखा कि बिहार एक मात्र ऐसा प्रदेश है जहां शिक्षक भर्ती चुनाव में नफा-नुकसान को देखते हुए निकाली जाती है। कुछ तो शर्म करो सरकार! प्तशिक्षामंत्रीइस्तीफादो

कैफी नामक यूजर्स ने लिखा कैसे कैसे को शिक्षा का मंत्री बनाए बैठे हैं प्तशिक्षामंत्रीइस्तीफादो

हिन्दुस्तानी नाम के यूजर ने बिहार में कौन बनेगा सीएम और कौन बनेगा पीएम का खेल चल रहा है तो इसके जिम्मेदार भी खेल का आनंद उठाने वाली बिहार की जनता है। जिनके पेट में दाना हो ना हो, नौकरी मिले ना मिले, सुरक्षा मिले ना मिले, पुलिस की लाठी खाते रहे तो खाएं, लेकिन सियासी खेल का मजा जरूर चाहिए तो लीजिए मजा का एक स्नैपशॉट लगाते हुए लिखा कि बिहार की जनता चूहै जो 30 साल से ऐसे लोगों को वोट दे रहा है।

शिक्षा मंत्री ने किया था ट्वीट

दरअसल, बीते गुरुवार को बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो। चंद्रशेखर ने ट्वीट करके कहा था कि सातवें फेज की शिक्षक नियमावली पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिया है। अब ये कैबिनेट में जाएगा। 2023 में शिक्षा विभाग में तीन लाख से अधिक नौकरी मिलेगी। महागठबंधन सरकार ने 10 लाख नौकरी का जो वादा किया है, हम उस पर कायम हैं और उसे पूरा करके दिखाएंगे।

कैबिनेट में नहीं लगी मुहर

शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 27 एजेंडों को पास किया गया, लेकिन शिक्षा मंत्री का यह बयान एक बार फिर सिर्फ ट्विटर बयान बाजी बनकर रह गई। देखते ही देखते शिक्षक अभ्यर्थियों का गुस्सा फूट पड़ा और वे सभी शिक्षा मंत्री से इस्तीफा मांग रहे हैं।