- नियमित बहाली नहीं करती सरकार, कई प्रमोशन हैं पेंडिंग

- डॉ अजय ने कहा, सरकार 65-70 के चक्कर में क्यों है?

PATNA: सीएम नीतीश कुमार ने कुछ दिनों पहले डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद से लगातार सवाल उठ रहे हैं। आईएमए के पूर्व अध्यक्ष व कई बड़ी संस्थाओं से जुड़े डॉ अजय कुमार कहते हैं कि सरकार म्भ्-70 के चक्कर में क्यों है? उसे तो आजीवन नौकरी में रहने का प्रोविजन कर देना चाहिए। युवाओं को मौका देना चाहिए। नए डॉक्टर आने चाहिए।

न प्रमोशन न वैकेंसी

सूत्रों की मानें तो फ्0 प्रोफेसर की कमी है, जिसमें म्भ् एलिजिबल हैं। इन्हें क्-क्-म् से प्रोफेसर का स्केल मिल रहा है। सरकार इन्हें प्रमोशन देती है तो सरकार पर बोझ नहीं बढ़ेगा। बताया जाता है कि 7भ् एसोसिएट प्रोफेसर के लिए सीट खाली हैं जिसमें म्भ् को प्रमोशन दे दिया तो एसोसिएट प्रोफेसर में कुल वेकेंसी क्ब्0 हो जाएगी। असिस्टेंट से एसोसिएट के लिए क्ब्फ् एलिजेबल हैं। इन्हें क्-क्-म् से प्रोफेसर का स्केल मिल रहा है। इसलिए इसमें भी प्रमोशन देने से सरकार पर बोझ नहीं बढ़ेगा। इधर सीनियर रेजिडेंट का इंटरव्यू खत्म हो गया है। इसके लिए क्क्00 डॉक्टर्स ने अप्लाई किया था। माना जा रहा है कि रेजिडेंट की वेकेंसी लगभग सभी सीटों पर भर जाएगी। जानकरों की मानें तो अस्सिटेंट प्रोफेसर की वैकेंसी हर साल निकलनी चाहिए। इसे बीपीएससी से निकलना है पर सरकार नियमित रूप से नहीं निकालती। काफी एलिजेबल डॉक्टर हैं जिन्हें मौका मिलना चाहिए। प्रमोशन इस हाल को देखकर साफ लगता है कि डॉक्टरों की बनावटी कमी दिखायी जाती रही है। रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाना इसका तात्कालिक समाधान हो सकता है। ये चर्चा खूब है कि खास लोगों को खुश करने की कोशिश सरकार कर रही है।

ये बुद्धिमानी वाली बात नहीं

डॉ आर आर कनौजिया कहते हैं कि नए लोगों को ज्यादा से ज्यादा मौके मिलने चाहिए। रियाटरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाना कहीं से भी बुद्धिमानी वाली बात नहीं लगती। कई बड़े हॉस्पीटलों में काम कर चुके यूथ की होनहार पीढ़ी बिहार को सेवा देने को तैयार है। सवाल अवसर का है।