- लगभग तीन घंटे अशोक राजपथ रहा जाम, दोनों ओर वाहनों का परिचालन ठप

- कार्यालय, स्कूल-कॉलेज जानेवाले विद्यार्थियों तथा राहगीरों को हुई परेशानी

- 11 मार्च को महाशिवरात्रि के शोभायात्रा में शामिल होकर रास्ता भटक गया

- देर रात एनएच पर वाहन के धक्के से बच्चे की हुई थी मौत, तीसरे दिन दर्ज कराई प्राथमिकी

- यातायात थाना पुलिस द्वारा स्वजनों से बदसलूकी किए जाने पर हुए आक्रोशित

PATNA :

चौक थाना क्षेत्र के कैमाशिकोह मोहल्ले से 11 मार्च को लापता आठ वर्षीय बच्चे का शव पुलिस द्वारा प्रवाहित किए जाने से आक्रोशित नागरिकों ने गुरुवार की सुबह अशोक राजपथ के कैमाशिकोह मोड़ पर बांस-बल्ला लगाकर सड़क जाम कर बवाल काटा। मौके पर पहुंची पुलिस को भी नागरिकों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। लगभग तीन घंटे तक अशोक राजपथ जाम रहने से दोनों ओर वाहनों का परिचालन ठप रहा। कार्यालय, स्कूल-कॉलेज जानेवाले विद्यार्थियों तथा यहां से गुजरने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मौके पर पहुंचे चौक थानाध्यक्ष गौरीशंकर गुप्ता, अपर थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार तथा वार्ड पार्षद मनोज कुमार जायसवाल ने आक्रोशित नागरिकों को कार्रवाई का भरोसा देकर तीन घंटे बाद सड़क जाम हटवाए।

बार-बार बेहोश हो रही थी मां

जामस्थल पर बार-बार बेहोश हो रही लापता की मां ¨रकू देवी ने बताया कि 11 मार्च को महाशिवरात्रि के मौके पर निकली शोभायात्रा में जेनरेटर का तार पकड़ आठ वर्षीय पुत्र राहुल कुमार गायघाट चला गया। उसके बाद वह जीरो माइल की ओर जाकर भटक गया।

शव पहचानने के लिए बुलाया थाना

इधर, जामस्थल पर कैमाशिकोह में रहनेवाले लापता बच्चे के पिता विनोद पटेल ने बताया कि 11 मार्च को आठ वर्षीय पुत्र के लापता होने के बाद काफी खोजबीन किया। खोजबीन के बाद 13 मार्च को चौक थाना में लापता होने का मामला दर्ज कराया। स्वजनों के अनुसार बुधवार को चौक थानाध्यक्ष द्वारा एक बच्चे को पहचानने के लिए फोन आया था। स्वजन थाना जाकर दुर्घटना में मृत बच्चे का फोटो देखे तो उन्हीं का बच्चा था।

अधिकारियों द्वारा गालीगलौच का आरोप

थानाध्यक्ष के कहने पर स्वजन जीरो माइल स्थित यातायात थाना गए। स्वजनों का आरोप है कि लापता बच्चे के संबंध में पूछताछ करने पहुंचे तो थाना में बैठे पदाधिकारियों व पुलिसकर्मियों द्वारा गालीगलौच किया जाने लगा। गुस्से में एक पदाधिकारी ने कहा कि बच्चे के शव को प्रवाह कर दिया गया है। स्वजनों में आक्रोश है कि बच्चे के शव मिलने की जानकारी उन्हें क्यों नहीं दी गई ?

बच्चे को इलाज के लिए भेजे थे निजी अस्पताल

इधर, रामकृष्णानगर थानाध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि 11 मार्च की रात एनएच पर अज्ञात वाहन के धक्के से बच्चा सड़क किनारे फेंका गया था। उसे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। रामकृष्णानगर थानाध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि बच्चा को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। 72 घंटे अज्ञात बच्चा का शव रखने के बाद उसे प्रवाहित कर दिया गया। उस बच्चे की तस्वीर पुलिस ग्रुप में उसी रात 11.39 बजे पहचान के लिए डाला भी गया था।

स्वजनों ने काटा बवाल

गुरुवार को लगभग नौ बजे दिन में लापता बच्चे के स्वजन व मोहल्लावासी बांस-बल्ला व सीढ़ी के साथ अशोक राजपथ के कैमाशिकोह मोड़ को जाम कर दिया। आक्रोशित नागरिकों ने मुख्य मार्ग पर टायर फूंक पुलिस के खिलाफ हाजीगंज तक नारेबाजी करने लगे। आक्रोशित युवक बांस लेकर गुजरते बाइक सवारों को खदेड़ा। सूचना पाकर पहुंची चौक थाना व अन्य थानों की पुलिस ने कार्रवाई का भरोसा देकर सड़क जाम हटवाकर वाहनों का परिचालन सामान्य कराया।