-चार को होगी भारत और राज्य निर्वाचन आयोग की बैठक

-छह को होनी है पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

PATNA: एम थ्री ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने का राज्य निर्वाचन आयोग का फैसला सही है। इससे पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता है। यह बातें पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को कही। इससे पंचायत चुनाव लड़ने के लिए तैयार लाखों लोगों का संशय खत्म नहीं हो रही है। बिहार सरकार ने कह दिया है कि ईवीएम मशीन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग का स्टैंड साफ है। इस मामले में भारत निर्वाचन आयोग का आदेश अस्वीकार्य है।

हाईकोर्ट पहुंच चुका है विवाद

ज्ञात हो कि ईवीएम विवाद पटना हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। तीन सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने भारत और राज्य चुनाव आयोग को कहा है कि दोनों आपस में बातचीत कर तय कर लें कि किस ईवीएम से चुनाव होगा और इसकी सूचना हाईकोर्ट को दें। छह अप्रैल को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। इससे पहले चार अप्रैल को दोनों आयोगों के अधिकारी आपस में विचार-विमर्श करेंगे। अगर एक राय बन गई तो जल्द पंचायत चुनाव की तारीखें घोषित होंगी। ऐसा नहीं हुआ तो मामला आगे टल जाएगा।

मंत्री दे रहे अपना तर्क

विभागीय मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य आयोग का स्टैंड सही है। हाल ही में राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ग्राम पंचायतों के चुनाव एम थ्री श्रेणी की ईवीएम से हुआ है। आखिर बिहार में इसी मशीन से पंचायत चुनाव कराने में भारत निर्वाचन आयोग को क्या आपत्ति है। अगर चार अप्रैल की बातचीत से मसले का हल नहीं हुआ तो राज्य निर्वाचन आयोग राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पंचायत चुनावों का उदाहरण देकर इसके उपयोग की इजाजत देने की अपील करेगा।

ईवीएम को लेकर क्या है विवाद

राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि वह एम थ्री ईवीएम से पंचायत चुनाव कराएगा। इसमें एक ईवीएम में छह श्रेणी के पदों के लिए मतदान की सुविधा होती है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस श्रेणी की ईवीएम के लिए निर्माता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से बातचीत भी कर ली है। लेकिन, इसके लिए भारत निर्वाचन आयोग की इजाजत चाहिए। वह नहीं मिल रही है। भारत निर्वाचन आयोग की राय है कि बिहार एम टू ईवीएम से चुनाव करा ले। यह उपलब्ध भी है। हर मशीन के लिए अलग कंट्रोल यूनिट है।