-जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, पटना में डॉल्फिन संरक्षण प्रशिक्षण आयोजित

क्कन्ञ्जहृन्: राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन संकटग्रस्त जीव की श्रेणी में है। यह जलीय जीवों के बीच बेहद सहज व्यवहार करने वाला जीव है। लेकिन मछुआरों के जाल में फंसने और शिकारियों के कारण इसकी संख्या चिंताजनक स्तर पर है। इसके संरक्षण गणना भी महत्वपूर्ण पहलू है। ये बातें पटना स्थित जूलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के प्रभारी अधिकारी एवं वैज्ञानिक डॉ गोपाल शर्मा कॉलेज के छात्रों से कही। भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से 'हरित कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत गंगा डॉल्फिन संरक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम' का आयोजन किया गया।

तीन राज्यों के स्टूडेंट्स शामिल

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बिहार, झारखंड और वेस्ट बंगाल के कॉलेजों के छात्र शामिल हुए। डॉ गोपाल शर्मा ने कॉलेजों के छात्रों को बताया कि यदि कोई आपदा हो जाए और इस दौरान जीव-जंतु फंस जाए तो उन्हें कैसे सुरक्षित बचाया जा सकता है। इसके साथ ही विकट परिस्थितियों में कैसे स्वयं भी काम करते रहें, साथ ही सावधानी बरतने समेत अन्य पहलुओं पर भी उपयोगी जानकारी दी। 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी है।