पटना ब्‍यूरो। शहर के सरकारी बस स्टैंड बांकीपुर प्रतिष्ठान से दरभंगा, मधुबनी, सिवान, रांची, नेपाल, दिल्ली, गोरखपुर, सहित कई जगहों के लिए बस चलती हैं। इन बसों के कंडक्टर और ड्राइवर सवारियों के साथ बिना टैक्स दिए और जांच पड़ताल किए सामन अनऑथराइज्ड ढंग से बुकिंग करते हैं। जबकि नियमानुसार लगेज की बुकिंग बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के कार्यालय में होनी चाहिए। इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों से मिल रही थी। पड़ताल करने के लिए जब हमारी टीम बस स्टैंड पहुंची तो वहां सामान का अवैध ढंग से बुकिंग बस कंडक्टर कर रहे थे। प्रति लगेज यात्रियों से 100 रुपए की डिमांड करते दिखे। पढि़ए रिपोर्ट

शराब से लेकर ड्रग तक की सप्लाई
बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसों से शराब से लेकर ड्रग तक कुछ भी भेज सकते हैं। ये हम नहीं वहां की स्थिति बयां कर रही है। बस कंडक्टर लगेज के नाम पर बिना जांच पड़ताल किए ही 100 रुपए लेकर बस में सामन लाद देते हैं। इससे न सिर्फ सरकार के राजस्व में नुकसान हो रहा है बल्कि बसों द्वारा प्रतिबंधित सामान भी आसानी से दूसरे जिला पहुंच रहा है। पड़ताल के दौरान पता चला कि लगेज भेजने के लिए बस पैकिंग होना आवश्यक है। लेखा-जोखा और जांच पड़ताल की कोई आवश्यकता नहीं है।

यात्रियों को करते हैं परेशान
बेतिया जाने वाले यात्री विनोद ने बताया कि बस का टिकट होने के बाद भी कंडक्टर 15 किलो की पैकेट के लिए 100 रुपए मांग रहा है, जबकि नियमानुसार 25 केजी तक के लगेज फ्री है। बेतिया जाने वाले कंडक्टर से रिपोर्टर ने जब बात की तो कंडक्टर ने सीधे तौर पर कहा बिना 100 रुपए दिए बस से सामन नहीं जाएगा।

दुर्घटना होने पर कौन होगा जिम्मेवार
बस के ड्राइवर छोटे पैकेट को अपने सीट के पास रख लेते हैं। बगैर जांच किए। इस पैकेट में अगर बम हो और रास्ते में अगर हादसा हो जाए तो इसका जिम्मेवार कौन होगा। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर कंडक्टर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया। ये कोई एक बस की बात नहीं है, बांकीपुर बस स्टैंड से सरकारी और अद्र्धसरकारी दोनों बसों में कंडक्टर और ड्राइवर की मिलीभगत से लगेज भेजने का खेल पिछले कई माह से चल रहा है। बुकिंग का अलग काउंटर या बोर्ड नहीं होने की वजह से यात्री कंफ्यूज हो जाते हैं और कंडक्टर के माध्यम से ही सामान भेजने का निर्णय लेते हैं।

रिपोर्टर और कंडक्टर के बीच हुई बातचीत के कुछ अंश
रिपोर्टर : सामन के लिए कितना पैसा मांग रहे हो
कंडक्टर : 100 रुपए लगेगा
रिपोर्टर : कुछ कम कर दो भाई
कंडक्टर : अधिकारियों से पता कर लीजिए 200 लगेगा, मैं 100 ही मांग रहा हूं
रिपोर्टर : ये तो गलत है 15 केजी ही वजन है
कंडक्टर : आप कौन है अधिकारी
रिपोर्टर : मैं अक्सर जाता हूं
कंडक्टर : सामान का किराया 100 रुपए ही लगेगा।
रिपोर्टर : ज्यादा पैसा मांग रहे हो
कंडक्टर : चेकिंग के दौरान चेकर नोट करता है इसलिए कम नहीं होगा


जांच पड़ताल किए बगैर और अनऑथराइज्ड तरीके से अगर कंडक्टर सामान बुकिंग कर रहा है तो गलत है। मैं इसको चेक करवाता हूं। दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
-विशाल राज, राज्य परिवहन आयुक्त, परिवहन विभाग