PATNA : पटना के शिवाला से बिहटा के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर ग्रहण लग गया है। इस कॉरिडोर की लागत के आधार पर इसके निर्माण पर सहमति नहीं बन पा रही है। पिछले वर्ष दिसंबर में एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे दी थी। बिहटा में बन रहे सिविल एयरपोर्ट की वजह से यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है।

14 किमी लंबा बनना था कॉरिडोर

तय योजना के तहत एनएचएआइ को शिवाला से बिहटा तक के चौदह किमी हिस्से में एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कराना था। एक किमी एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण पर सौ करोड़ रुपए का अनुमानित खर्च है। इस हिसाब से 14 सौ करोड़ रुपए खर्च आने हैं इस पर। वहीं शिवाला से खगौल तक के पांच किमी के हिस्से में राज्य सरकार को अपने खर्च पर एलिवेटेड सड़क बनानी है।

जमीन अधिग्रहण की बांटी गई राशि बनी मुसीबत

एनएचएआइ की देखरेख में पटना-बक्सर फोरलेन सड़क के एलायनमेंट की परिधि में है खगौल-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का कहना है कि फोरलेन के लिए जमीन अधिग्रहण मद में राशि का भुगतान बड़े स्तर पर हुआ है। भुगतान की गई राशि की वापसी संभव नहीं है। ऐसे में एक ही स्ट्रेच में दो प्रोजेक्ट पर राशि खर्च करना तर्कसंगत नहीं है।

शिवाला-खगौल के बीच बांटा गया था मुआवजा

इस प्रोजेक्ट की मॉनीट¨रग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि शिवाला-बिहटा स्ट्रेच में एनएचएआइ ने सौ करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान नहीं किया है जमीन के मुआवजे के मद में। शिवाला से खगौल के बीच के लिए राशि जरूर वितरित हुई है। शिवाला से खगौल के बीच राज्य सरकार अपने मद से सड़क का निर्माण करा देगी। वहीं अगर शिवाला से बिहटा के बीच सड़क निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाता है तो वह राशि एलिवेटेड सड़क के निर्माण से थोड़ी ही कम होगी।