-निरीक्षकों को विभाग के प्रधान सचिव ने किया संबोधित

PATNA: वेक्टर जन्य बीमारियों के खात्मे के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अहम कदम उठाया है। नवनियुक्त 39 समेत कुल 56 मलेरिया निरीक्षकों को सभी जिलों में प्रशिक्षण बाद तैनात किए जाएंगे। यह निरीक्षक जल्द ही असिस्टेंट वेक्टर बॉर्न डिजीज ऑफिसर कहलाएंगे। इसके लिए विभागीय और कागजी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इन सभी निरीक्षकों का विशेष प्रशिक्षण अगमकुआं स्थित राजेन्द्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान में सोमवार से आरंभ हुआ। छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने किया। उन्होंने प्रशिक्षण अवधि में एक दिन सभी मलेरिया इंस्पेक्टरों को कालाजार प्रभावित छपरा जिले में ले जाकर व्यवहारिक प्रशिक्षण दिये जाने की बात कही। संबंधित प्रशिक्षण पूरी गंभीरता से लें।

आरएमआरआइ में चल

रहे चालीस प्रोजेक्ट

प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह में आरएमआरआइ के निदेशक डॉ। प्रदीप दास ने वेक्टर जन्य बीमारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चालीस प्रोजेक्ट आरएमआरआइ में चल रहे हैं। विश्व स्तरीय इस शोध संस्थान की उपलब्धियों से उन्होंने प्रशिक्षकों को अवगत कराया। वैज्ञानिक डॉ। कृष्णा पांडेय, डॉ। वी एन आर दास, डॉ। आर के टोपनो, डॉ। वहाब अली, डॉ। नीना वर्मा, डॉ। वहाब अली मौजूद थे।

इन बीमारियों का

होगा उन्मूलन

अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ। एम पी शर्मा ने कहा कि मलेरिया इंस्पेक्टर अब तक केवल मलेरिया पर ही काम कर रहे थे। इनका दायरा और जिम्मेदारी अब बढ़ गई है। इन्हें मलेरिया, कालाजार, मस्तिष्क ज्वर, फायलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी अन्य वेक्टर जन्य बीमारियों के उन्मूलन के लिए काम करना है। इन बीमारियों से प्रभावित क्षेत्र, रोग व रोगियों की पहचान, बचाव की जानकारी दी जाएगी।