- एक दशक में पटना में स्पोटर्स जगत में कई बडे़ बदलाव हुए

PATNA :

पटना में बीते एक दशक में खेल के क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन देखने को मिला है। खेल के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग आदि के मामले में स्थिति पहले के मुकाबले काफी बेहतर हुई। इसके साथ ही कई नए खेल भी खेले जाने लगे हैं। इसके कारण पटना के स्थानीय खिलाडि़यों के द्वारा कई अचीवमेंट हासिल किए गए। साल दर साल इस अचीवमेंट में वृद्धि हुई। एथलेटिक्स और अन्य खेलों के साथ ही क्रिकेट को भी संजीवनी मिली है। राज्य स्तर पर कई खेलों का आयोजन नहीं हो पाता था। लेकिन अब पटना में पूरे प्रदेश के खेल को यहां के स्टेडियम में देखने का मौका मिलता है। इसमें सरकार और खेल एसोसिएशन दोनों ने बहुत बेहतर काम करके दिखाया है। खास तौर पर खिलाडि़यों के लिए प्रोत्साहन राशि मिलने से उनका मनोबल बढ़ा है।

पाटलिपुत्र स्पो‌र्ट्स कंप्लेक्स

-संचालन वर्ष- मार्च 2012

-निर्माण लागत - 18.98 करोड रुपए

-बिहार स्टेट स्पोटर्स ऑथारिटी द्वारा संचालन

यह पटना ही नहीं, पूरे प्रदेश के लिए गर्व का स्थान है, जहां खेलों के आयोजन, स्पोटर्स कैंप की तैयारी और शहर के प्रमुख एक्टिविटी को एक खास अंदाज में पेश करने का शानदार मौका मिलता है। कभी यह स्थान कला संस्कृति एवं युवा विभाग का नहीं था। लेकिन यहां खेलों के आयोजन की कमी को देखते हुए बडे़ स्तर पर इसका निर्माण किया गया। यह किसी एक स्पोटर्स को बेहतर करने या उनके खिलाडि़यों के लिए एक्सक्लूसिव नहीं है। बल्कि इसमें एक साथ कई इंडोर और आउटडोर खेलों के आयोजन और प्रैक्टिस की सुविधा है। बैडमिंटन, जूडो, बास्केटबाल, कबड्डी, वुशू, कराटे, बाक्सिंग, चेस, खो-खो, ताइक्वांडो आदि कई खेलों का आयोजन होता रहता है। खास तौर पर हाल में प्रो कबड्डी जैसे रोचक खेलों का यहां लगातार तीन साल से आयोजन हो रहा है।

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ऊर्जा स्टेडियम, पटेल नगर

-स्थापना- 2018

-ट्रेनिंग - क्रिकेट एकेडमी

- सीटिंग कैपेसिटी- 50 हजार

पूरे बिहार में क्रिकेट के लिए एकमात्र स्टेडियम मोइनुल हक स्टेडियम ही था। लेकिन हाल ही में पटेल नगर में ऊर्जा स्टेडियम का निर्माण किया गया है। यह अंतराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम है। बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग और सरकारी विभागों के सीएसआर फंड से निर्मित यह स्टेडियम पटनाइट्स के लिए नई पीढ़ी को क्रिकेट के रंग में रंगने का सबसे महत्वपूर्ण स्पॉट बन चुका है। यहां स्टेडियम में भावी क्रिकेटरों को तैयारी करने के लिए क्रिकेट कोचिंग की भी व्यवस्था है। यहां अंडर-13, अंडर 17, अंडर-19 और अंडर -23 का क्रिकेट खेलने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। खुद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी ने इस स्टेडियम को क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए खास बताया है। बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग की ओर से यहां स्टेडियम बनाने की पहल की गई थी, जो वर्ष 2017 में बनकर तैयार हो गया।

मिथलेश स्टेडियम

-निर्माण वर्ष- 2014

-गेम्स - एथलेटिक्स और हॉकी

पटना के बीएमपी -5 कैंपस स्थित खिलाडि़यों की बेहतर तैयारी के लिए मिथलेश स्टेडियम का निर्माण किया गया है। वर्ष 2014 में निर्मित इस स्टेडियम में एथलेटिक्स के लिए तमाम प्रकार की सुविधाएं हैं जो कि अंतराष्ट्रीय मानक की है। इस स्टेडियम को इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन द्वारा मान्यता दी गई है। इस ट्रैक पर ओलंपिक, व‌र्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप और एशियन गेम्स को छोड़कर सभी प्रकार की स्पर्धा कराई जा सकती है। पुलिस एथलेटिक्स गेम्स में उन्हें सर्पोट के लिए यहां करीब आठ करोड की लागत से एथलेटिक ट्रैक का निर्माण हुआ है। इसके अलावा यहां के बीएमपी कैंपस में ही हॉकी का भी ग्राउंड है। यहां बिहार टीम के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है, जहां खिलाड़ी प्रैक्टिस करते हैं।

एसोसिएशन को भी मिली जगह

पटना में यूं तो कई स्पोर्टस एसोसिएशन कार्यरत है। लेकिन उनके पास अपना ऑफिस नहीं होने के कारण उन्हें खेलों के आयोजन, कैंप की तैयारी और खेल गतिविधियों के बेहतर संचालन में परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन वर्ष 2016 में करीब एक दर्जन स्पोटर्स एसोसिएशन को पाटलिपुत्र स्पोटर्स काम्पलेक्स में जगह मिली है। इससे वे काफी उत्साहित है।

इन खेलों में दिखाई धमक

पटना में खेलों की तैयारी और नए स्पोटर्स के एसोसिएशन के माध्यम से कई नए खेलों में खिलाडि़यों ने अपनी धमक दिखाई है। इसमें से कई राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान भी बना चुके हैं। इसमें वुशू, ताइक्वांडो, मलखंब, जूडो, रग्बी, सेपक टाकरा और बॉल बैडमिंटन प्रमुख हैं। खिलाडि़यों को खेल के प्रति बढ़ावा देने के लिए खिलाडि़यों को जॉब देने के लिए वर्ष 2011 में खिलाडियों को हर साल वैकेंसी भी देने का प्रावधान लाया गया।