- हड़ताली डॉक्टरों पर सख्ती, काम नहीं तो वेतन नहीं

- स्ट्राइक के तीसरे दिन भी बदहाल रही व्यवस्था

- अब पीएमसीएच में महज 20 प्रतिशत पेशेंट ही हैं इंडोर में

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जूनियर डॉक्टरों के स्ट्राइक की वजह से शुक्रवार को तीसरे दिन भी व्यवस्था बदहाल रही। पूरे प्रदेश में इसे लेकर जहां मरीजों का इलाज सरकारी व्यवस्था से बाहर हो गया है तो दूसरी ओर लगातार मिल रही शिकायतों और मरीजों की परेशानी पर सरकार अब जागी है और कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जो जूनियर डॉक्टर काम पर नहीं हैं उनका स्टाइपेंड काटा जाएगा। इसके साथ ही यदि वे ओपीडी, इमरजेंसी या ऑपरेशन सहित अनिवार्य सेवा को बाधित करेंगे तो उनके उपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के अनुमोदन के साथ यह आदेश जारी किया गया है।

डॉक्टर बोले, नहीं डरेंगे धमकी से

सरकार के सख्त आदेश आने के बाद से जूनियर डॉक्टरों में गुस्सा और बढ़ गया है। वे आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कर रहे हैं। पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकार धमकी दे रही है, लेकिन बातचीत नहीं कर रही। बताया कि वे अभी भी अपने स्टैंड पर कायम हैं। उनका स्ट्राइक जारी रहेगा।

प्रिंसिपल और सुपरीटेंडेंट बनाएंगे रिपोर्ट

कार्रवाई के संबंध में सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि अस्पताल में कार्य सुनिश्चित करने और इससे संबंधित सभी विस्तृत रिपोर्ट भेजे जाएं। इस रिपोर्ट पर प्रिंसिपल और सुपरीटेंडेंट के हस्ताक्षर होंगे। आदेश में कहा गया है कि कार्य बहिष्कार की अवधि में उनके स्टाइपेंड से काम नहीं तो वेतन नहीं सिद्धांत पर कटौती की जाए।

अनुशासन समिति ले निर्णय

सरकार की ओर से जारी आदेश में संबंधित मेडिकल कॉलेज के अनुशासन समिति को यह निर्णय सुनिश्चित करने को कहा गया है कि यदि पीजी के हड़ताली डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार के दौरान ओपीडी सेवा, ऑपरेशन या इमरजेंसी में किसी अनिवार्य चिकित्सा सेवा को बाधित किया तो उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल महाविद्यालय की अनुशासनिक समिति की बैठक बुलाकर कार्रवाई का निर्णय करें।

रोड चार बजे भेजेंगे रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर ने प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश पर जारी आदेश में कहा है कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक तय फार्मेट में प्रतिदिन शाम को चार बजे तक खैरियत प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। प्रतिवेदन मरीजों की संख्या के आधार पर दिया जाएगा।

रिपोर्ट में ये जानकारी देनी होगी

- ओपीडी में कुल देखे गए मरीजों की संख्या

- ओपीडी के जरिए भर्ती किए गए मरीजों की संख्या

- इमरजेंसी में देखे गए मरीजों की संख्या

- इमरजेंसी के जरिए भर्ती किए गए मरीजों की संख्या

- कुल किए गए ऑपरेशन्स की संख्या