- एमएमसी में हॉस्टल की फीस को लेकर स्टूडेंट ने की तालाबंदी

PATNA :

मगध महिला कॉलेज में हॉस्टल की फीस वृद्धि को लेकर सोमवार को मामले ने तूल पकड़ लिया। बड़ी संख्या में स्टूडेंट मगध महिला कॉलेज के गेट पर ही धरने पर बैठ गए। पटना यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले जुटे सभी स्टूडेंट्स की एक ही मांग थी कि हॉस्टल की फीस में की गई बेतहाशा वृद्धि वापस की जाए।

डेढ़ घंटे फंसी रही प्रिंसिपल

सभी छात्र कॉलेज में प्रिंसिपल डॉ शशि शर्मा के आने से पहले ही कॉलेज गेट पर छात्र संघ के सदस्यों ने तालाबंदी कर दी। इस कारण प्रिंसिपल कॉलेज में चल रही यूजीसी की मीटिंग में जाने से वंचित रह गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए लॉ एंड ऑर्डर के पदाधिकारी और यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर डॉ रजनीश कुमार आए। उन्होंने सभी को आश्वासन दिया कि कमेटी बनाकर इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उनके आश्वासन के बाद कॉलेज का गेट खोला गया।

बोले स्टूडेंट्स

संघ के अध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि फीस वृद्धि करने से पूर्व न तो कॉलेज प्रशासन और न ही यूनिवर्सिटी की ओर से ही कोई सूचना दी गई। इसे लेकर कॉलेज के गेट पर धरना देकर घेराव किया गया है। कहा कि इस कॉलेज में अधिकांश गरीब तबके की छात्राएं ही पढ़ती है। यदि बढ़ी फीस लागू हो गई तो इनके लिए इस कॉलेज में पढ़ना दूभर हो जाएगा। वहीं, उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि शिक्षा से गरीब, मजदूर और किसान की बेटियां पढ़ाई से वंचित रह जाएंगी। इस पर तत्काल निर्णय नहीं लिया गया तो आगे राजभवन मार्च भी किया जाएगा।

बताया मनमाना फीस

पीयू के सभी कॉलेजों में तीन हजार रुपए वार्षिक शुल्क लगता है। इसके अलावा उन्हें और कुछ भी नहीं देना होता है। पटना यूनिवर्सिटी में यदि पटना वीमेंस कॉलेज को छोड़ दें तो केवल मगध महिला कॉलेज ही है जहां की फीस पहले से ही अधिक है। यहां 10 हजार रुपए वार्षिक, प्रतिमाह एक हजार रुपए और एलॉटमेंट के समय 1100 रुपए का खर्च छात्रा को वहन करना पड़ता है। मनीष कुमार ने बताया कि अब मेनटेनेंस के नाम पर दस हजार रुपए खर्च मांगा जा रहा है। हाल ही में छात्राएं और संघ के प्रतिनिधियों ने वीसी से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज किया है। उन्होंने इसे मनमाना फीस बताया है। फिलहाल मगध महिला कॉलेज में चार हॉस्टल है जिसमें अन्य जिलों और दूर-दराज की छात्राएं पढ़ाई करती हैं।