- पटना से चार कंटेनर कार्बन लेकर हुआ रवाना

- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-एक गंगा मार्ग पर पहली बार सफलतापूर्वक चला जहाज

- शाम पांच बजे पीपा पुल खोल जहाज निकाला गया

PATNA : जहाजरानी मंत्रालय भारत सरकार की बेहद महत्वाकांक्षी योजना सफलता से महज कुछ कदम दूर है। नवविकसित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-एक से गंगा के रास्ते कंटेनर लेकर वाराणसी से चलकर दो जनवरी को गायघाट स्थित बंदरगाह पहुंचा मालवाहक जहाज र¨वद्र नाथ टैगोर मंगलवार की शाम करीब पांच बजे कोलकाता स्थित हल्दिया बंदरगाह के लिए रवाना होगा। ट्रायल के लिए निकले इस जहाज पर पटना से कार्बन डस्ट भरा चार कंटेनर लोड किया गया। भद्रघाट में बने पीपा पुल का तीन सेट पीपा खोलकर इस जहाज को आगे निकाला गया।

क्षमता 350 टन भार की

भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहायक निदेशक अर¨वद कुमार ने बताया कि वाराणसी से हल्दिया के बीच की दूरी 1390 किलोमीटर जलमार्ग में से लगभग 435 किलोमीटर दूरी तक कर र¨वद्र नाथ टैगोर जहाज पटना पहुंचा है। बरौनी से आए कार्बन के 25 टन का चार कंटेनर लोड किया गया है। उन्होंने बताया कि टैगोर जहाज की क्षमता 350 टन भार लादने की है। वाराणसी से पटना पहुंचने के दौरान गंगा मार्ग में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई। छह दिनों में मालवाहक जहाज के वाराणसी से पटना पहुंचने और यहां के बंदरगाह से हल्दिया के लिए निकलने में लगभग दस दिन लग जाने के मामले में सहायक निदेशक ने बताया कि और कारगो मिलने की उम्मीद थी। इसके लिए प्रयास किया जा रहा था।

माल ढुलाई के लिए सस्ता

सहायक निदेशक ने बताया कि सड़क, रेल एवं हवाई मार्ग की अपेक्षा जलमार्ग से माल की ढुलाई बेहद सस्ते में और सुरक्षित तरीके से हो जाती है। उन्होंने माल ढुलाई के लिए जलमार्ग का रास्ता अपनाने को प्रेरित किया। वाराणसी से हल्दिया चल कर माल पटना के लोअर लेवल और अपर लेवल जेटी पर उतारना तथा सड़क मार्ग से गंतव्य स्थान तक पहुंचाना बेहद आसान है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक के गंगा पर बने देश का पहला मल्टी मॉडल टर्मिनल 12 नवंबर 2018 को राष्ट्र को समर्पित किया था।