-पूर्वे पर कार्रवाई के लिए अड़े तेजप्रताप

क्कन्ञ्जहृन्: लालू परिवार में दूसरे दिन रविवार को भी तनातनी बरकरार रही। पार्टी में उपेक्षा के मुद्दे पर तेजप्रताप यादव के तल्ख तेवरों के बाद सकते में आए राजद में सुलह की कवायद तो की गई, लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आए। तेज प्रताप अपने बयान पर अभी भी अड़े हैं। साफ कर दिया कि पार्टी में चुगलखोर नेता उन्हें पसंद नहीं हैं। ऐसे नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाना ही होगा। तेज प्रताप का संकेत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। रामचंद्र पूर्वे की ओर है, जो उनके कहने के बावजूद राजेंद्र पासवान को पार्टी में सम्मानजनक पद देने से कतराते रहे थे। हालांकि बाद में शीर्ष स्तर की पहल पर सात जून को पूर्वे ने पासवान को राजद का प्रदेश महासचिव नियुक्त कर दिया, लेकिन तबतक बात बहुत आगे बढ़ चुकी थी। तेज प्रताप के दिल पर चोट लग चुकी थी।

पूर्वे को बताया अभिभावक

तेज प्रताप के बयान के बाद माना जा रहा था कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से विवाद सुलझाने की पहल की जाएगी, लेकिन तेजस्वी जब रविवार को मीडिया के सामने आए तो शालीन अंदाज में उन्होंने तेज प्रताप को अपना बड़ा भाई और मार्गदर्शक बताते हुए पूर्वे पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने पूर्वे को अपना अभिभावक बताते हुए कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। अब सबकी नजर सोमवार को लालू प्रसाद के 71वें जन्मदिन पर होने वाले समारोह पर लगी है, जब दोनों भाई एक साथ केक काटेंगे और पिता से आशीष लेंगे।