नौकरी से टर्मिनेट भी कर दिया गया था

यह दर्द भरी दास्तां है रूपाश्री दासगुप्ता की, जो कभी आईजीआईएमएस के नर्सिंग कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर थीं। कॉलेज में विवाद होने के बाद उसे डिमोट कर असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया। इधर, कुछ दिनों पहले ही नौकरी से टर्मिनेट भी कर दिया गया था। रूपाश्री ने मंडे अपने हाथ का नस काटकर सुसाइड अटेम्प्ट किया। वह आईजीआईएमएस के नर्सेज क्वार्टर्स के फ्लैट नम्बर 55 में रहती है। फिलहाल घर में अकेली थी और साथ में रहने वाली उनकी मां कोलकाता गई हैं।

दोस्तों को फोन पर दी जानकारी

पुलिस की मानें, तो इस अटेंप्ट से पहले रूपाश्री ने अपने दोस्त को फोन कर बताया कि वह सुसाइड करने जा रही है और जब तक वे लोग उसके घर पहुंचेंगे, तबतक वह मर चुकी होगी। पास के ही एजी कॉलोनी में रहने वाले उसके दोस्त अपनी पत्नी के साथ उसके घर पहुंचे, जहां उसके हाथों से खून निकल रहा था। वह बेहोश हो रही थी। आनन-फानन में आईजीआईएमएस को खबर दी गई और नर्सेज की टीम ने वहां पहुंचकर उसे एडमिट करवाया, इसके बाद उसका ऑपरेशन किया गया।

हॉस्पीटल से लौटी घर

इलाज के बाद आराम करना था कि इससे पहले ही रूपाश्री अस्पताल से दोस्त के साथ अपने क्वार्टर्स चली आई। वहां भी वह पुलिस वालों पर गुस्से में थी। वह घर पर भी चिल्ला रही थी। वह उस हाल में नहीं कि बहुत कुछ बोल सके, लेकिन उसने दो साल से चल रहे विवाद से वह काफी टेंशन में है। रूपाश्री ने डायरेक्टर अरुण कुमार पर सेक्सुअल ह्रासमेंट का आरोप लगाया। उसने कहा कि जब डायरेेक्टर का मंसूबा पूरा नहीं हुआ, तो उसके खिलाफ साजिश शुरू की गई। यहां तक कि नौकरी से भी हटाया गया। उसने कहा कि उसे नौकरी न मिले मंजूर है, पर डायरेक्टर पर कार्रवाई होनी चाहिए। दूसरी ओर, डायरेक्टर अरुण कुमार से जब उन पर लगे आरोप पर प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने यह सवाल किया कि  क्या कोई भी किसी पर आरोप लगा दे, इसकी छूट है? उन्होंने कहा कि अब वह हमारी स्टाफ नहीं है, उनकी सेवा समाप्त हो चुकी है। वह निजी हैसियत से क्या कहती है, इस पर वे कमेंट नहीं कर सकते।

पुलिस रख रही पूरी नजर

दूसरी ओर, रूपाश्री के सुसाइड अटेम्प्ट के बाद पुलिस उसपर नजर रख रही है। मामले की जांच कर रहे डीएसपी सचिवालय मनीष कुमार ने बताया कि पुलिस बयान लेने के बाद ही कुछ कह पाएगी। फिलहाल उसने अपना बयान दिया नहीं है। पहले भी उसने शास्त्रीनगर थाने में पिछले साल एक एफआईआर की थी, उस मामले में रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। डीएसपी ने बताया कि क्या कारण है फिलहाल कहना मुश्किल है, मगर जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक उनहें नौकरी से हटाने के बाद क्वार्टर्स छोडऩे का भी अल्टीमेटम था, जो 27 जुलाई है। एक कारण यह भी हो सकता है, लेकिन यह भी उनके बयान के बाद ही कहा जा सकता है। वहीं, सीनियर एसपी मनु महाराज ने कहा कि वह जो भी लिखकर देंगी, उसपर कार्रवाई होगी। डायरेक्टर ने पुलिस को फोन कर इस घटना की जानकारी दी। वैसे सुसाइड अटेम्प्ट को लेकर पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी।

ऐसे चला रूपाश्री विवाद

- 31 अक्टूबर 2012 में नर्सिंग टीचर सुषमा चार्ली ने सबसे पहले रूपा श्री पर मारपीट का आरोप लगाया।

- उसी दिन रूपा श्री ने सुषमा चार्ली मारपीट का आरोप लगाते हुए शास्त्रीनगर थाना में काउंटर केस किया।

- 24 सितंबर 2012 को ह्यूमन राइट कमीशन में रूपा ने आईजीआईएमएस के डायरेक्टर के खिलाफ सेक्सुअल ह्रासमेंट का मामला दर्ज करवाया।

- 10 अक्टूबर-24 अक्टूबर को ह्यूमन राइट कमीशन ने बिहार सरकार को इस मसले पर रिमाइंडर भेजा।

- 1 फरवरी 2013 को इस मसले पर हेल्थ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर संजय कुमार, डॉ। प्रभा सिंह सहित कई लोगों की टीम आयी, पर जांच रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है।

- फरवरी में ही रूपा श्री की अप्वाइंटमेंट का मामला सामने आया।

- 25 मई 2013 को बोर्ड की बैठक में रूपाश्री का मामला भी सामने आया, पर बोर्ड ने इस पर किसी भी तरह का डिसीजन नहीं दिया।

- 22 जून 2013 को डायरेक्टर ने अचानक रूपा श्री को यह कहते हुए नौकरी से निकाल दिया कि बोर्ड की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया था।