पटना(ब्यूरो)। रात के अंधेरे में पुल की ढलाई हुई और सुबह के पहले ही 1.13 करोड़ की लागत से बना पुल ध्वस्त हो गया। भ्रष्टाचार के लेप से बने पुल के ध्वस्त होने की यह घटना पूर्णिया के बायसी में हुई। ग्रामीण कार्य विभाग इस पुल का निर्माण करा रहा था। छह माह के दौरान यह दूसरा पुल हैं जो ढलाई होते ही ध्वस्त हो गया। विभाग के अधिकारी इस पुल के ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं। वहीं, इस पुल के निर्माण में किस तरह की धांधली बरती गई है इसकी गवाही ध्वस्त पुल खुद दे रहा है। जिलाधिकारी (डीएम) कुंदन कुमार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित कर दी है।

1.13 करोड़ की लागत

बायसी थाना क्षेत्र की चंद्रगांव पंचायत के मिलिकटोला हटिया से थोड़ी दूर सलीम चौक के समीप 1.13 करोड़ रुपये की लागत से 20 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया जा रहा था। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत 25 अप्रैल, 2022 को इसका निर्माण शुरू किया गया था। इसे 24 अप्रैल, 2023 तक पूरा करना था। इस पुल के निर्माण की देखरेख का जिम्मा ग्रामीण कार्य विभाग बायसी प्रमंडल का है। शनिवार को देर रात विभागीय अधिकारियों को सूचना दिए बिना ठेकेदार ने पुल की ढलाई कर दी। कुछ ही घंटे बाद पुल ध्वस्त होकर गिर गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना ग्रामीण कार्य विभाग के एसडीओ एवं कार्यपालक अभियंता को दी। डगरूआ निवासी जफर आलम पुल के ठेकेदार हैं। कुछ माह पूर्व बायसी थाना क्षेत्र की खपड़ा पंचायत के चौनी गांव के समीप पुल गिरा था। मगर ग्रामीण कार्य विभाग के बाबुओं ने इस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता राम बाबू ने बताया कि

इस पुल के ठेकेदा को कई बार कार्य में सुधार लाने का निर्देश दिया गया था। शनिवार की रात उसने बिना किसी सूचना के पुल की ढलाई कर दी, जिसके बाद पुल ध्वस्त हो गया। इस मामले में ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।