पटना (ब्यूरो)। एएन कॉलेज पटना के पुस्तकालय सभागार में आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में स्वाधीन भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान के आयाम विषय पर साहित्य संस्कृति फाउंडेशन, केंद्रीय हिंदी संस्थान (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) एवं हिंदी विभाग ए। एन। कॉलेज पटना के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ। समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ। आशीष कंधवे ने कहा कि सांस्कृतिक चेतना ने भारत को भारत बनाये रखा है। उन्होंने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें निर्माण और पुनरुत्थान के अंतर को समझना तथा उन कारणों का पहचान करना चाहिए जिसके कारण भारतीय संस्कृति का फैलाव संकुचित हो रहा है। डॉ। अशोक कुमार ज्योति ने कहा कि स्वयं को पहचानने की संस्कृति हीं भारत की पहचान है। आवश्यकता यह है आज फिर से भारत वह भूमि बने जो किसी को बुद्धत्व का बोध कराए। प्रसिद्ध हनुमान कथावाचक पूज्य प्रदीप भैया ने रोचक कथाओं के माध्यम से बताया कि भारत नए युग का निर्माण कर रहा हैं जहां विश्व आशान्वित नजऱों से हमारे ओर देख रहा है। प्रोफेसर बीना शर्मा निदेशक, केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा ने कहा कि सांस्कृतिक चेतना के मार्ग में जो अवरोध और कांटे है उसे हटाना होगा.डॉ। विजय कुमार मिश्र, अध्यक्ष साहित्य संस्कृति फाउंडेशन एवं सहायक प्रोफेसर हंसराज कॉलेज ने दो दिवसीय संगोष्ठी का रिपोर्ट प्रस्तुत किया। वहीं धन्यवाद ए। एन.कॉलेज में हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ। विद्या भूषण ने किया। दो दिवसीय संगोष्ठी में देश के अलग-अलग जगहों से आए हुए शिक्षक, छात्र एवं साहित्यकार उपस्थित रहे।