पटना (ब्यूरो)। प्रदेश में प्यार की एक दास्तां लोगों के जुबान पर है। यह मामला वैशाली जिले के हाजीपुर का है। स्थानीय सदर अस्पताल के एक स्वास्थ्य कर्मचारी को इलाज के दौरान मरीज की बेटी से हो प्यार हो गया। इसके बाद उसने महिला से उसकी बेटी का हाथ मांग लिया। दोनों के बीच प्यार इस तरह परवान चढ़ा कि एक सप्ताह के अंदर ही दोनों ने यहां एक मंदिर में धूमधाम से शादी कर ली। बताते हैं कि लड़की के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है और अब बेटी के हाथ पीले होते ही दूसरे दिन मां ने भी दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्यकर्मी को हुआ प्यार
इस संबंध में बताया गया है कि तबीयत बिगडऩे के बाद बेटी ने मां को यहां सदर अस्पताल में एडमिट कराया था। जहां मां के इलाज के दौरान ही अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी से युवती की मुलाकात हुई। यह मुलाकात धीरे-धीरे प्यार में बदल गया। जिस मरीज का देखभाल स्वास्थ्य कर्मी कर रहा था, वह उनसे बेटी का हाथ मांग लिया। लड़की की मां को लड़का पसंद आ गया और उसने भी हामी भर दी। महिला कच् इच्छा थी कि उसकी बेटी की शादच् अच्छे घर में हो। लड़की के पिता का देहांत काफी दिन पहले हो गया था और बेटी की शादी की जिम्मेदारी मां पर ही थी।
मां से स्वास्थ्यकर्मी ने बताया
बताते हैं कि अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती बीमार महिला का देखभाल से लेकर सारी सुविधा उपलब्ध करा रहे स्वास्थ्य कर्मचारी ने जब पूछा कि क्या वह अपनी बेटी की शादी उससे करेंगी। स्वास्थ्य कर्मचारी के इस सवाल को सुन मां मन ही मन खुशी से झूम उठी। उसने अपनी बेटी को इसकी जानकारी दी। बेटी ने भी शादी के लिए हामी भर दी और शादी की तैयारी शुरू हो गई।


महज 7 दिनों के अंदर ही कर ली शादी

अचानक प्यार और तुरंत ही शादी की यह दिलचस्प वाक्या महज 7 दिनों के भीतर ही अंजाम तक पहुंच गया। दोनों की शादी ङ्क्षहदू रीति रिवाज के साथ हाजीपुर शहर के ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर पातालेश्वर नाथ मंदिर में कराई गई। इससे पहले बारात लड़की के घर पर पहुंची। सदर अस्पताल के अनेक कर्मी भी इस शादी समारोह में शामिल हुए। डीजे की धुन पर जमकर ठुमके लगाए गए। वहीं नागिन डांस पर दूल्हे ने भी जमकर डांस किया। बिना दान दहेज की यह शादी 7 दिनों के अंदर ही संपन्न हुई। इसकी खूब चर्चा है।

बेटी के हाथ पीले होते ही मां ने तोड़ दी दम
बता दें कि महज सप्ताह भर में प्यार और शादी के बाद दुखद पहलु यह भी हो गया गया कि बेटी के हाथ पीले होते ही दूसरे दिन बीमार मां ने दम तोड़ दिया। कहते हैं कि सदर में इलाजरत मां को इसी शादी के लिए अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। दोनों की रजामंदी से बिना दान दहेज के आदर्श रूप हुई इस शादी में बीमार मां भी शरीक हुई, लेकिन दुखद पहलु यह भी रहा कि शादी के दूसरे दिन ही बीमार मां ने दम तोड़ दिया। मां की मौत उसके घर पर ही हुई। बताते हैं कि स्वास्थ्यकर्मी राघोपुर और लड़की बिदुपुर की रहने वाली है।