- समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, टीकाकरण भी हो और अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी अबाध चलें

- आइजीआइसी और आइजीआइएमएस को हृदय रोग के इलाज के लिए और बेहतर करने की हिदायत

PATNA :

बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन (टीकाकरण) का काम जब तक पूरा नहीं हो जाएगा, तब तक कोरोना संक्रमण की जांच पूर्व की तरह जारी रहेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने हिदायत दी कि वैक्सीनेशन के काम उचित ढंग से कर्मचारियों की नियुक्ति हो, लेकिन यह भी ध्यान रहे कि अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी अबाध ढंग से चलें।

पल्स पोलियो की तर्ज पर

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर पूरी सजगता के साथ वैक्सीनेशन का काम हो। वैक्सीन को स्टोर कर रखने की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। जिलाधिकारी के स्तर पर हर रोज इसकी मॉनीट¨रग की जाए। हेल्थकेयर कर्मी, फ्रंट लाइन वर्कर्स, प्राथमिकता वाले उम्र समूह, जनप्रतिनिधि, सभी सरकारी कार्यो से जुड़े हुए लोग, संविदाकर्मी, दुकानदार व व्यवसायी जैसे वर्ग के लिए सर्वप्रथम टीकाकरण की व्यवस्था की जाए।

नि:शुल्क उपचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल हृदय योजना के अंतर्गत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की जाए। इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी (आइजीआइसी) और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में हृदय रोग के इलाज की व्यवस्था और बेहतर की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार यूनिवर्सिटीज ऑफ हेल्थ साइंसेज के अंतर्गत सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज को लाने की प्रक्रिया भी पूरी हो।

सीएम के अन्य निर्देश

- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पताल व जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं को और बेहतर करने की योजना पर तेजी से काम हो।

- सभी क्षेत्रों का आकलन करा लें, कोई क्षेत्र स्वास्थ्य सुविधा से वंचित नहीं रहे।

- टेलीमेडिसीन के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों को जोड़ने का काम तत्काल पूरा हो।

- एंबुलेंस सेवा के और अधिक विस्तार दिया जाए, ताकि किसी को अस्पताल पहुंचने में दिक्कत न हो।

समीक्षा में रहे मौजूद

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्य सचिव दीपक कुमार, विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, सचिव मनीष कुमार वर्मा, अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह, बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना कारपोरेश व लिमिटेड के प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार झा और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार।

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राज्य ब्यूरो 3 :

टीकाकरण केंद्र के लिए स्कूल, पंचायत भवन का होगा चयन

- 20 के बाद शुरू होगा भवनों के चयन का कार्य

- पुलिस लाइन, आर्मी कैंप में हेल्थ वर्कर देंगे टीका

राज्य ब्यूरो, पटना : राज्य के तकरीबन पांच लाख स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स और 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो को कोरोना से बचाव का टीका देने की कार्ययोजना करीब-करीब तैयार हो गई है। स्वास्थ्य कर्मियों व डॉक्टरों के साथ ही फ्रंट लाइन वॉरियर्स की बड़ी संख्या को देखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला से लेकर प्रखंड तक सरकारी स्कूल, पंचायत भवन के साथ सामुदायिक भवनों को टीकाकरण केंद्र (वैक्सीनेशन बूथ) बनाने का फैसला किया है।

जिलों को निर्देश

स्वास्थ्य समिति की ओर से जिलों के सिविल सर्जन, स्वास्थ्य पदाधिकारियों के साथ ही प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिले, प्रखंड और पंचायत स्तर पर सरकारी भवनों को सूचीबद्ध कर इसकी जानकारी समिति को मुहैया कराएं, ताकि ऐसे भवनों में टीकाकरण केंद्र विकसित करने के लिए आवश्यक संसाधन जिलों को भेजे जा सकें। जिलों को निर्देश है कि 20 दिसंबर से भवनों का चयन प्रारंभ कर सरकार को 25 दिसंबर तक वांछित जानकारी भेज दें। इन केंद्रों पर जिला के स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टरों का टीकाकरण होगा।

पुलिस लाइन जाएंगे कर्मी

डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा पहले दौर में सेना और के पुलिस जवानों के साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गो का टीकाकरण भी होगा। समिति के अनुसार पुलिस और सेना के जवानों की टीकाकरण के लिए बूथ में नहीं आना होगा। इन फ्रंटलाइन वॉरियर्स के टीकाकरण के लिए बकायदा सैन्य कैंप और पुलिस लाइन में स्वास्थ्य कर्मी कैंप लगाकर इनका टीकाकरण करेंगे।

निजी अस्पतालों में भी

राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने प्राइवेट अस्पतालों में भी टीकाकरण केंद्र बनाने की अनुमति दे दी है। सूत्रों ने बताया कि सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्र के प्राइवेट अस्पतालों से बात करें और वहां टीकाकरण के लिए केंद्र की व्यवस्था करें।