PATNA : प्रदेश में बाढ़ की तबाही और सरकारी मदद के दावे तो आपने बहुत सुने आज हम आपको इसकी हकीकत बताने जा रहे हैं। आई नेक्स्ट के कैमरे में कैद दो तस्वीरों से आप भी हालात से वाकिफ हो जाइए। बाढ़ में सब कुछ गंवाने के बाद भी भाग्यशाली वही है जिसके राहत शिविर में वीआईपी पहुंच रहे हैं। जहां वीआईपी वहां सम्मान की थाली और जहां कोई देखने वाला नहीं वहां जानवरों जैसा खाना। गुरुवार को आई नेक्स्ट के कैमरे में कैद दो राहत शिविरों की तस्वीरें सरकार के दावों की पोल खोलने के लिए काफी है।

वीआइपी व्यवस्था

ये तस्वीर अशोक राजपथ में स्थित बीएन कॉलेजिएट में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर की है। यहां सौ से अधिक महिला पुरुष और बच्चे शरण लिए हैं। सब कुछ लूटने के बाद वह पूरी तरह से सरकार पर निर्भर हो गए हैं। यह जो खाना इन्हें मिल रहा है शायद घर होते तो ऐसा खाना कभी हाथ भी नहीं लगाते। राहत की थाली में परोसा जाने वाला चावल नीचे खुले में रखा है। बाढ़ पीडि़तों से पहले इसे मक्खियां और अन्य कीड़े मकोड़े खाते हैं। पानी की दाल और लाल मिर्च की सब्जी दी जा रही है। जमीन पर बैठाकर परोसे जाने वाली थाली में दाल के पानी में चावल तैर रहे हैं। ये इनका दुर्भाग्य है क्योंकि यहां कोई वीआईपी नहीं आया है।

जमीनी हकीकत

ये तस्वीर दीघा स्थित बिहार विद्यापीठ में बनाए गए राहत शिविर की है। यहां भी अधिक संख्या में महिला पुरुष और बच्चे शरण लिए हैं। लेकिन यहां के बाढ़ पीडि़त इसलिए सौभाग्यशाली हैं कि यहां सीएम नीतीश कुमार आए हैं। यहां बाढ़ पीडि़तों को सम्मान के साथ वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। बाढ़ पीडि़तों को कुर्सी मेज पर बैठाया गया। सीएम ने सभी बाढ़ पीडि़तों को कपड़े दिए हैं। अधिकारियों ने सीएम से शाबाशी लेने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पीडि़तों को पहले से सिखा पढ़ाकर पक्का कर दिया गया था। यहां के बाढ़ पीडि़तों के लिए गुरुवार का दिन काफी अच्छा रहा। सीएम के आने से ही सही, इज्जत तो मिली।