पटना (ब्यूरो)। बैडमिंटन में भारत ने 14 बार के चैम्पियन इंडोनेशिया को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही बिहार के बैडमिंटन खिलाडिय़ों में भी उत्साह व जोश भर गया है। खिलाड़ी नेशनल लेवल पर अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए जुट जाना चाहते हैं। हालांकि कठिनाईयां भी है लेकिन उससे पीछे वे नहीं हटना चाहते है। समस्या संसाधनों की है, उससे निपटने के लिए वे लगातार संघर्ष कर रहे है। वे भी किदांबी, श्रीकांत, लक्ष्य सेन जैसे खिलाडिय़ों के नक्शेकदम पर चलेंगे। सचिवालय बैडमिंटन हॉल में नियमित रूप से खेलने वाले खिलाडिय़ों और कोच का कहना है कि यहां कम से कम छह बैडमिंटन एकेडमी खोलने की जरूरत है।


ये है चैलेंज
राजधानी पटना में बैडमिंटन को प्रोफेशनल तरीके से खेलने के लिए अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। जिससे इस दिशा में नेशनल लेवल पर यहां के खिलाड़ी प्रतिस्पद्र्धा कर सके। अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी नीरज कुमार ने बताया कि नार्थ इस्ट में आइजोल जैसे शहर में 24-25 कोर्ट हैं। जबकि पटना में बेहतर कोर्ट केवल एक है, जो कि सचिवालय कोर्ट है। इसके अलावा कुछ हद तक पीएनटी कॉलोनी में भी कोट ठीक है। इसके अलावा फिजिकल कॉलेज में भी प्रैक्टिस करने के लिए खिलाड़ी पहुंचते हैं। यह चैलेंज है इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए। हालांकि ऊर्जा स्टेडियम में बैडमिंटन कोर्ट बनने की योजना भी थी, लेकिन अभी वहां केवल क्रिकेट की ही सुविधा है। दूसरी समस्या, कोच और नियमित अभ्यास की है।

दूसरे राज्य इसलिए आगे
यदि बिहार में और देश के दूसरे राज्यों की तुलना इंफ्रास्ट्रक्चर और बेहतर खेल माहौल पर करें तो पता चलता है कि यहां कई कमियां हैं। उदाहरण के लिए दक्षिण के राज्यों में एकेडमी का चलन है। एकेडमी कोच द्वारा संचालित किया जाता है और वहां खिलाड़ी जितनी देर चाहे, अभ्यास कर सकते हैं और कोच भी मिलता रहता है। यहां खिलाड़ी जल्दी और प्रोफेशनली तैयार हो जाते हैं। हालांकि बिहार में इस चलन का अभाव है। बिहार बैडमिंटन एसोसिएशन के कोच कुमार संदीप की माने तो बिहार में प्रतिभावान खिलाडिय़ों की कमी नहीं है। अच्छे कोच की कमी है। अच्छी ट्रेनिंग मिले तो वो वे बेहतर प्रदर्शन कर राज्य के साथ देश का भी नाम रौशन कर सकते हैं।

रणवीर नंदन ने दी बधाई
थॉमस कप के फाइनल में भारत की ऐतिहासिक जीत पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व विधान पार्षद डॉ रणवीर नंदन ने पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होने कहा कि लक्ष्य सेन ने पहले और सात्विक चिराग की जोड़ी ने दूसरे मैच में भारत को जीत दिलाई। इसके बाद किदांबी श्रीकांत ने तीसरा मैच जीतकर भारतीय टीम को पहली बार थामस कप का चैम्पियन बनाया ।