पटना ब्‍यूरो। पटना सिविल कोर्ट परिसर में ट्रांसफॉर्मर विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हुए एडवोकेट हरिनारायण प्रसाद गुप्ता की सोमवार को मौत हो गई। विस्फोट के बाद आई विडियो में वे गंभीर रूप से घायल दिख रहे थे। पहले उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था। बाद में उनके परिजनों ने भागवत नगर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जहां सोमवार की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली। 13 मार्च को ट्रांसफॉर्मर विस्फोट में घायल होने के बाद वह जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे थे।

ट्रांसफार्मर ब्लास्ट में तीसरी मौत


ट्रांसफॉर्मर विस्फोट में यह तीसरी मौत है। एडवोकेट देवेंद्र प्रसाद की जहां मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं मुंशी प्रकाश कुमार की दो दिनों के बाद पीएमसीएच में मौत हो गई थी। अब हरिनारायण प्रसाद गुप्ता की मौत के बाद इस घटना में मरने वाले एडवोकेट की संख्या दो हो गई है। वहीं कुछ अन्य घायल लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है।

सिविल कोर्ट में परिसर में दी गई श्रद्धांजलि


दिन के तीन बजे के करीब एडवोकेट हरिनारायण प्रसाद गुप्ता की डेड बॉडी सिविल कोर्ट परिसर में लाई गई। जहां जिला जज रुपेश देव ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बड़ी संख्या में वकील भी इस मौके पर मौजूद रहे। जिन्होंने नम आंखों से अपने साथी वकील को अंतिम विदाई दी।

सात लाख का सौंपा चेक


एडवोकेट गुप्ता के बेटे मिथलेश कुमार को बिजली विभाग की ओर से सात लाख का चेक सौंपा गया है। इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी पांच लाख देने की घोषणा की है। स्टेट बार काउंसिल एक लाख देगी। जिला अधिवक्ता संघ की ओर से दस हजार का चेक सौंपा गया है।

35 सालों से कर रहे थे सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस


एडवोकेट हरिनारायण गुप्ता बेहद ही विनम्र स्वभाव के थे। वे पिछले 35 सालों से सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। इस बीच बहुत सारे जूनियर वकीलों ने उनसे बहुत कुछ सीखा था। उनके अंडर में हमेशा 10 जूनियर वकील रहते थे। उनके मित्र रहे जिला अधिवक्ता संघ के संयुक्त सचिव अजय कुमार ने बताया कि घटना के दिन वह संयोग से वहां पर मौजूद थे। 70 वर्षीय एडवोकेट गुप्ता को यहां पर सभी वकील साथी बहुत मिस कर रहे हैं। एडवोकेट महेश रजक ने बताया कि उनसे हम सभी हमेशा कुछ न कुछ सीखते थे। जूनियर वकीलों के लिए वे हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका में रहते थे।

अभी तक नहीं आई है जांच रिपोर्ट


ट्रांसफॉर्मर विस्फोट के बाद मामले में बिजली विभाग की ओर से जांच कमेटी गठित की गई है। लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले में विस्फोट के कारणों का कुछ पता नहीं चला है। वहीं वकीलों में इसेे लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है। जिला अधिवक्ता संघ ने इस मामले में एसआईटी का गठन करने की सरकार से मांग की है। एडवोकेट अजय कुमार ने बताया कि बिजली विभाग मामले पर लिपापोती करने पर तुली है। सवाल यह है कि छह दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मीटरिक यूनिट में विस्फोट के बारे में आप क्यों पता नहीं कर पाए हैं। जांच रिपोर्ट की बाबत कार्यपालक अभियंता विजया लक्ष्मी ने बताया कि वह इस मामले में फिलहाल कुछ भी नहीं कहना चाहती हैं। उनके सीनियर इस मामले को देख रहे हैं। वहीं कुछ जवाब दे सकेंगे। वहीं असिस्टेंट चीफ इंजीनियर मनीष कांत ने बताया कि जांच रिपोर्ट जल्द आयेगी। लेकिन इतना हम कहना चाहेंगे कि ट्रांसफॉर्मर को मेन्टेनेस को लेकर कोई इश्शू नहीं था। सभी इक्यूपमेंट भी नए थे। 15 फरबरी को ही फिटनेस जांच में सब कुछ सही पाया गया था।