- एम्स के साथ आईजीआईएमएस और एनएमसीएच में तैयारियां पूरी

- पीएमसीएच में भी पिकू और निकू के बेड बढ़ाने की तैयारी

PATNA : कोरोना की दूसरी लहर से मची तबाही और खौफ के बीच तीसरी लहर में बच्चों के अधिक प्रभावित होने के मिल रहे संकेत ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। कोरोना की तीसरी लहर में मुख्य रूप से बच्चों के संक्रमित होने की आशंका को देखते हुए राजधानी के बड़े अस्पतालों ने तैयारी शुरू कर दी है। एम्स, आईजीआईएमएस के साथ एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग ने इसकी तैयारियां कर ली हैं। वहीं, पीएमसीएच में भी इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने भी सभी अस्पतालों को तीसरी लहर से बचाव संबंधी हर संसाधन मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। बताते चलें कि थाईलैंड में बच्चों को ज्यादा संक्रमित करने वाले बी1617 स्ट्रेन के मामले सामने आए हैं। ऐसे में आशंका है कि आगामी कुछ माह में यह स्ट्रेन देश व प्रदेश में भी दस्तक दे सकता है।

एम्स के पिकू-निकू तैयार

एम्स प्रबंधन ने शिशु रोग विभाग को कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहने को कहा है। यहां पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट (पिकू) के 20 और नियोनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (निकू) के दस बेड हैं। कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ। संजीव कुमार ने बताया कि शिशु रोग विभाग के वार्ड के अलावा संक्रमितों की संख्या के अनुरूप बेड संख्या बढ़ाने की तैयारी रखने को कहा गया है।

आईजीआईएमएस में बच्चों के लिए अलग वार्ड

आईजीआईएमएस में बच्चों के लिए अभी से अलग वार्ड व आईसीयू बना दिया गया है। बच्चों के लिए यहां 15 सामान्य और पांच आईसीयू बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। फिलहाल यहां चार बच्चों का इलाज चल रहा है। चिकित्साधीक्षक डॉ। मनीष मंडल ने बताया कि जरूरत के अनुसार आगे बेड की संख्या व सुविधाएं बढ़ाने के विकल्प खुले हैं।

एनएमसीएच पर बड़ी जिम्मेदारी

तीसरी लहर की चुनौती से निपटने में कोविड अस्पताल घोषित एनएमसीएच की अहम भूमिका रहेगी। यहां के शिशु रोग विभाग में 110 बेड को आवश्यक उपकरणों से लैस किया जा रहा है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थित मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर भी 30 बेड की व्यवस्था की गई है।

यहां नवजात के लिए 24 बेड हैं। आइसीयू के 15 बेड को बढ़ाकर 40 करने की तैयारी है। 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए आइसीयू के पांच बेड और तीन वेंटिलेटर हैं। आठ बेड की इमरजेंसी में दो वेंटिलेटर है। इसके अलावा हर बेड पर ऑक्सीजन पाइपलाइन के साथ बच्चों के लिए वेंटिलेटर, बाइपैप, एचएफएनसी की व्यवस्था की जा रही है।

पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में बढ़ाए जाएंगे पिकू-निकू :

पीएमसीएच प्रबंधन ने भी शिशु रोग विभाग में पिकू और निकू बेड की संख्या बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके अलावा यहां वार्ड में सौ बेड हैं।

हवा से फैलने के कारण है ज्यादा खतरनाक :

कोरोना के सॉर्स कोव-2 वायरस का नया स्ट्रेन बी1617 इसका डबल-म्यूटेंट वैरियंट है। मार्च माह में देश में पहली बार इस नए स्ट्रेन का पता चला था। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी मान चुका है कि यह स्ट्रेन ड्रापलेट्स के साथ एयरोसॉल यानी हवा से भी फैलता है। यही कारण है कि तीसरी लहर में संक्रमण काफी तेजी से फैलने की बात कही जा रही है।