ऑक्सीजन में घपले की शिकायत के बाद पीएमसीएच की व्यवस्था सुधारने की पहल

- घपले की रिपोर्ट को अस्पताल प्रशासन ने शपथ पत्र के जरिए पटना हाईकोर्ट में स्वीकार किया

PATNA : ऑक्सीजन की सप्लाई में घपले की शिकायत के बाद पीएमसीएच की व्यवस्था सुधारने की पहल की गई है। इसके लिए तीन अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। कोर्ट मित्र मृगांक मौली की रिपोर्ट को अस्पताल प्रशासन ने शपथ पत्र के जरिए पटना हाईकोर्ट में स्वीकार किया है। अगली सुनवाई 25 मई को होगी।

गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की खंडपीठ में पीएमसीएच की ओर से दायर शपथ पत्र के जरिए कहा गया है कि कोर्ट मित्र ने लोकहित में सराहनीय काम किया है। उनकी रिपोर्ट को अस्पताल प्रशासन विवादित नहीं करना चाहता है। रिपोर्ट के आलोक में बताया गया कि अस्पताल प्रबंधन को दुरुस्त रखने के लिए पीएमसीएच में वरिष्ठ चिकित्सकों (सीनियर डाक्टरों) की तीन अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है। उनमें एक समिति मरीजों के स्वजनों की समस्याएं सुनने के लिए भी है।

हर 15 दिन पर समिति देगी रिपोर्ट

हाई कोर्ट ने पीएमसीएच को निर्देश दिया कि हर 15 दिन पर उक्त तीनों समितियां अपनी रिपोर्ट कोर्ट मित्र अधिवक्ता मृगांक मौली को सौंपेंगी। हलफनामे के जरिए कोर्ट को अस्पताल प्रशासन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में आक्सीजन आपूíत से संबंधित कोई शिकायत नहीं आएगी।

तीनों समितियां इस तरह हैं

1. आक्सीजन की व्यवस्था देखने के लिए बनी समिति में एनेस्थेसिया के विभागाध्यक्ष डॉ। विनोद कुमार कश्यप, उपाधीक्षक डॉ। अभिषेक बासुकी हैं।

2. साफ-सफाई और पथ्य भंडार की व्यवस्था देखने के लिए बनी समिति में सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डा। उमाशंकर सिंह और उपाधीक्षक डा। अशोक कुमार झा हैं।

3. मरीजों के स्वजनों की समस्या सुनने वाली समिति में ईएनटी विभाग की अध्यक्ष डा। विनीता सिन्हा, डा। अशोक कुमार झा, डा। एम सरफराज हैं।