पटना (ब्यूरो)। पंचायती राज विभाग द्वारा सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति में पंचायत की भूमिका पर गुरुवार को पटना के अधिवेशन भवन में प्रदेश के करीब दो सौ पंचायत प्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अपने संबोधन में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए शीघ्र ही तीन हजार पंचायत सचिवों की नियुक्ति की घोषणा की। कहा कि हर पंचायत में पंचायत सचिवों की तैनाती के बाद जनता को सेवाएं उपलब्ध होने लगेंगी। उन्होंने कहा कि पंचायतों को सशक्त बनाए बगैर राष्ट्र का विकास संभव नहीं है। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।

थीम में दिए नौ मूल मंत्र

केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव मिहिर कुमार सिंह और निदेशक रंजीत कुमार सिंह ने प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। गिरिराज सिंह ने कहा कि जिला परिषद के अध्यक्ष, सदस्य, प्रमुख, मुखिया के सहयोग से लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। थीम में नौ मूल मंत्र दिए गए हैैं। इसमें गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत गांव, स्वस्थ गांव, बाल मैत्री/ हितैषी पंचायत, जल की प्रचुरता वाला गांव, स्वच्छ और हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा युक्त गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन व्यवस्था युक्त गांव और गांव में समान लैंगिक विकास के मूल मंत्र के साथ ग्रामीण बिहार के विकास से ही बिहार प्रगति पथ पर अग्रसर होगा।

पेड़ लगाने के किया प्रेरित

सम्राट चौधरी ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य की टीम सेल्फ हेल्प गु्रप का ही अंग है। इसे सरकार किसी तरह की कोई फंडिंग नहीं कर रही है, बल्कि समाज को जोड़ कर नई व्यवस्था को स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है। नवगछिया के धरहरा का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि बेटी के जन्म पर लोग पेड़ लगाते हैं। इसके पीछे की भावना है कि जब बेटी बड़ी होगी तो उसी पेड़ को बेचकर शादी में आर्थिक मदद हो जाएगी। इससे पारिस्थितिक संतुलन के साथ आर्थिक स्वावलंबन भी लोगो का होना संभव है।