-बीजेपी कार्यालय पर सुशील मोदी को कार्यकर्ताओं ने घेरा

-लखीसराय विधानसभा के विधायक और मंत्री का विरोध कर रहे थे कार्यकर्ता

PATNA: चुनाव आयोग ने तो चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। लेकिन राजनीतिक पार्टियों की पिक्चर अभी साफ नहीं हुई है। कौन गठबंधन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा अभी यह भी तय नहीं हो पाया है। इससे कैंडिडेट्स की बेचैनी बढ़ने लगी है। उनका धैर्य जबाव देने लगा है। संडे को बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पर लखीसराय से आए पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। वे कुमारी बबिता को टिकट देने की मांग कर रहे थे। इस दौरान कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए। धक्का-मुक्की होने लगी। इसी बीच डिप्टी सीएम सुशील मोदी को घेरकर नारेबाजी करने लगे। उनके सामने एक-दूसरे का गिरेबान पकड़ धक्का-मुक्की करने लगे। कार्यकर्ताओं ने सुशील मोदी को काफी देर तक गाड़ी से ही नहीं उतरने दिया। सुरक्षा गार्ड और कार्यकर्ताओं ने कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह वहां से निकाला। इस बीच केंद्रीय मंत्री रविशंकर को भी घेरा गया। उनके सामने भी विरोध प्रदर्शन किया गया।

मंत्री का कर रहे थे विरोध

लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से सैकड़ों कार्यकर्ता संडे को बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचे थे। वे वर्तमान विधायक और मंत्री विजय सिन्हा का विरोध कर रहे थे। उनपर आरोप लगा रहे थे कि वे जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। कार्यकर्ताओं की एक नहीं सुनीं गई है। क्षेत्र की जनता से दूर रहे हैं। ऐसे विधायक को फिर से टिकट दिया जाना जनता के साथ बेईमानी होगी। धोखा होगा। क्षेत्र से आए जनता का कहना था कि क्षेत्र के लिए उपयुक्त कैंडिडेट कुमारी बबिता हैं। वे जनता के बीच रहती हैं। जनता के दुख-दर्द में हमेशा खड़ी रहती हैं। उन्हें ही लखीसराय से कैंडिडेट बनाया जाए। इसी बीच डिप्टी सीएम सुशील मोदी पार्टी कार्यालय पहुंचे। पार्टी कार्यकर्ता मंत्री विजय सिन्हा के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। काफी देर तक सुशील मोदी गाड़ी में ही बैठे रहे। बाद में सुरक्षा गार्ड उन्हें गाड़ी से उतारकर कार्यालय लेकर गए।

जूतम-पैजार होते-होते बची

कार्यालय पर माहौल काफी बिगड़ने लगा। कार्यालय पर मौजूद अन्य कार्यकर्ताओं ने नजाकत समझते हुए लखीसराय के आक्रोशित कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए हाथ-पैर जोड़ते रहे। थोड़ी देर तक और रोका नहीं जाता तो स्थिति बिगड़ सकती थी।

हाथ-पैर तक जोड़े कार्यकर्ताओं ने

आक्रोशित और आंदोलित कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए पार्टी के दूसरे कार्यकर्ताओं और पुलिस ने समझाने के लिए उनके हाथ-पैर तक जोड़े। लेकिन आक्रोशित कार्यकर्ता डिप्टी सीएम सुशील मोदी को गाड़ी से उतरने ही नहीं दे रहे थे।