-पटना में शुक्रवार को सूर्यास्त व शनिवार को सूर्योदय का समय

PATNA: महापर्व छठ के दूसरे दिन गुरुवार को छठ व्रतियों ने दिनभर उपवास रखकर शाम को गंगा स्नान कर भगवान भास्कर को जल अर्पित किया। इसके बाद छठ व्रतियों ने रोटी और खीर से खरना का प्रसाद बना विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। सबसे पहले व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण किया। फिर परिवार के लोगों व संबंधियों के बीच प्रसाद का वितरण हुआ। शुक्रवार को अस्ताचलगामी सूर्य को महापर्व का पहला अ‌र्घ्य अर्पित किया जाएगा।

संध्याकालीन अ‌र्घ्य से शांति व उन्नति

शाम को भगवान भास्कर को जल से अ‌र्घ्य देने से मानसिक शांति और जीवन में उन्नति होती है। लाल चंदन, फूल के साथ अ‌र्घ्य से यश की प्राप्ति होती है। कलयुग के प्रत्यक्ष देवता सूर्य को जल में गुड़ मिलाकर अ‌र्घ्य देने से पुत्र और सौभाग्य का वरदान मिलता है। वहीं प्रात:काल में जल में लाल चंदन, लाल फूल, इत्र के साथ ताम्रपात्र में आरोग्य के देवता सूर्य को अ‌र्घ्य देने से आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि स्थिर एवं महालक्ष्मी की प्राप्ति के लिए सूर्य को दूध का अ‌र्घ्य देना चाहिए। भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने से कई जन्मों के पाप नष्ट होते हैं।

उषा-प्रत्युषा की पूजा

शास्त्रों के अनुसार देवताओं में सूर्य ऐसे देवता हैं जिन्हें प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। छठ में सूर्य के साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना होती है। पहले संध्याकालीन अ‌र्घ्य में सूर्य की अंतिम किरण प्रत्युषा और फिर उदीयमान सूर्य की पहली किरण उषा को अ‌र्घ्य देकर नमन किया जाता है।