PATNA: स्कूल खुलते ही पटना का ट्रैफिक सिस्टम एक बार फिर जाम हो गया है। दोपहर के समय स्कूलों की छुट्टी होते ही सैकड़ों स्कूली वाहनों का हुजूम सड़क पर कब्जा कर लेता है। इतना ही नहीं, छोटे स्कूली वाहन बच्चों को घर छोड़ने के लिए गली और शॉर्टकट रास्तों का रुख करते हैं। ऐसे में मुख्य सड़कों सहित गलियों में भी जाम की स्थिति बन जाती है। इस दौरान टू व्हीलर चलाना तो दूर की बात है, लोगों को पैदल चलने की जगह भी नहीं मिलती। आलम यह है कि दोपहर में 12 से 3 बजे तक पूरा शहर जाम हो जाता है। जाम में फंसे स्कूली वाहनों में बैठे बच्चे तो परेशान होते ही हैं स्कूल पहुंचे पैरेंट्स भी जाम में 2-2 घंटे फंसे रहते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि जाम को स्मूथ करने के लिए तैनात ट्रैफिक पुलिस कहीं नजर नहीं आती। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि पटना को जाम का शहर क्यों कहा जाता है।

जाम के दो बड़े कारण

स्कूल

स्कूल की छुट्टी के दौरान स्कूली वाहनों को सड़क पर ही खड़ा कर बच्चों को बैठाया जाता है। इस दौरान स्कूल बस सड़कों पर आधे-आधे घंटे तक खड़े रहते हैं।

प्रशासन

नियमानुसार स्कूल के वाहन स्कूल परिसर में ही खड़े होने चाहिए लेकिन प्रशासन कभी कार्रवाई नहीं करता। स्कूलों के बाहर ट्रैफिक पुलिस भी नहीं रहती है।

ये होते हैं परेशान

पब्लिक

जाम की वजह से सबसे च्यादा प्रभावित प?िलक होती है। हालत यह है कि लोगों को पांच किमी का सफर करने दो से तीन घंटे का समय लग जाता है।

पैरेंट्स

स्कूल में बच्चों को रिसीव करने वाले पैरेंट्स भी परेशान होते हैं। विनय कुमार ने बताया कि बच्चे को रिसीव करने आया हूं। 2 किमी जाने में एक घंटे का वक्त लग जाता है।

स्टूडेंट्स

स्कूली बच्चों ने बताया कि तीन से चार घंटे का समय बस में बीत जाता है क्योंकि जाम के कारण उन्हें एक घंटे का सफर तीन घंटे में करना पड़ता है।