-पूर्वी भारत में एकमात्र पटना एम्स में हो रहा ट्रायल

PATNA: पटना एम्स में फ्राइडे को बच्चों के कोरोना वैक्सीन का ट्रायल प्रॉसेस शुरू हो गया। जिसमें 2 से 18 वर्ष के 525 बच्चे और किशोरों पर ट्रायल होना है जबकि फ्राइडे को केवल एक बच्ची अपने परिवार के साथ पहुंची। आरटीपीसीआर और एंटीबॉडी टेस्ट किया गया। एम्स से मिली जानकारी के अनुसार 2 दिन बाद रिपोर्ट आने के बाद वैक्सीन का ट्रायल किया जा सकता है। तय लक्ष्य के मुताबिक रोज लगभग 70 से 80 बच्चे को शामिल करना है। लेकिन पहले दिन खराब मौसम और भारी बारिश की वजह से केवल 42 बच्चों का रजिस्ट्रेशन हो सका। आज इसकी संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

ट्रायल से पहले कोरोना जांच

बच्चों पर वैक्सीन ट्रायल से पहले उनका आरटीपीसीआर और एंटीबॉडी टेस्ट किए जाने के 2 दिन बाद रिपोर्ट आने पर ट्रायल के लिए वैक्सीन दी जा सकती है। आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए और एंटीबॉडी नहीं बनी हो। तभी आगे की प्रक्रिया होगी। इसके अलावा बच्चे को पहले कभी कोरोना नहीं हुआ हो और वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हो। ट्रायल में शामिल होने के लिए बच्चों को 9471408832 पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। पहले दिन 42 रजिस्ट्रेशन में अधिकतर पटना के बच्चे शामिल रहे।

पूर्वी भारत में एकलौता संस्थान

बच्चों के वैक्सीन ट्रायल के लिए देशभर में कुछ चुनिंदा संस्थान सलेक्ट किए गए हैं, जहां यह ट्रायल किया जा रहा है। पटना एम्स इनमें से एक है। पूर्वी भारत में यह एकमात्र मेडिकल संस्थान है जहां बच्चों के वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। इसके अलावा एम्स दिल्ली, ईएसआईसी नई दिल्ली और हैदराबाद के एक अस्पताल को इसमें शामिल किया गया है।

तीन समूह बनाकर होगा ट्रायल

एम्स पटना से मिली जानकारी के मुताबिक बच्चों के वैक्सीन ट्रायल के लिए 525 बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसमें तीन समूहों में तैयारी पूरी होगी। सबसे पहले 175 बच्चों पर और इसके बाद इतने ही बच्चों के दो और समूहों पर वैक्सीन ट्रायल की जाएगी।

बड़ों से अलग होगी वैक्सीन

एम्स के अनुसार बच्चों के ट्रायल में यूज वैक्सीन इन दिनों दिए जा रहे वैक्सीन से अलग है। हालांकि प्रभावशीलता बड़ों के वैक्सीन जैसी होगी। ट्रायल के लिए दूसरा डोज 28 दिन में, इसके बाद 56 दिन और फिर 118 दिन पर ट्रायल कर वैक्सीन का परीक्षण पूरा किया जाएगा।

प्रतिदिन लगभग 70 से 80 बच्चों का ट्रायल करने का प्लान है। हालांकि पहले दिन खराब मौसम की वजह से महज 42 बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ। इसमें अधिकांश बच्चे पटना जिले से शामिल हैं।

- डॉ सीएम सिंह, प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर वैक्सीन एवं एचओडी कम्युनिटी एंड फैमिली मेडिसिन, एम्स पटना