-आज काम पर नहीं लौटे तो सेवा हो जाएगी समाप्त

PATNA: समान काम, समान वेतन की मांग को लेकर स्ट्राइक कर रहे चिकित्साकर्मियों के सामने बिहार सरकार झुकने को तैयार नहीं है। चिकित्साकर्मियों को चौबीस घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। शुक्रवार की शाम पांच बजे तक काम पर नहीं आने वाले कर्मियों की सेवा खत्म कर उनके स्थान पर नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। दूसरे कर्मियों को काम करने में बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

मांग पूरी नहीं हो सकती

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संविदा पर 17 हजार चिकित्सा कर्मी कार्यरत हैं। इनमें करीब 9 से 10 हजार कर्मी स्ट्राइक पर हैं। हड़ताली कर्मी आशा को भी अपने साथ जोड़ रहे हैं जबकि आशा को हड़ताल से कोई लेना देना नहीं है। उन्हाेंने कहा कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक ही मानदेय तय किया जाता है। राज्य सरकार समान काम, समान वेतन की मांग पूरी नहीं कर सकती है। बिहार सरकार द्वारा उनकी सेवा अवधि को एक साल से बढ़ाकर तीन साल करने, पांच वर्ष की सेवा पूरी करने पर पंद्रह फीसद, तीन साल की सेवा पूरी करने पर पांच फीसद प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया है।

तो होगी नई नियुक्ति

पहले से मिल रही पांच-पांच फीसद प्रोत्साहन राशि यथावत रहेगी। महाजन ने कहा कि विभाग ने 15 हजार से अधिक मानदेय प्राप्त करने वालों को ईपीएफ से कवर करने और लक्ष्य से अधिक उपल?िध करने वालों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है। शुक्रवार की शाम पांच बजे तक काम पर नहीं आने वाले कर्मियों की सेवा समाप्त कर नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। इससे संबंधित निर्देश सभी जिलाधिकारी को दे दिए गए हैं।

बिहार सरकार संविदा चिकित्सा कर्मियों की मांगों पर गंभीरता से विचार कर रही है। सरकार उनके साथ है। उनके हित में कई फैसले किए गए हैं। स्ट्राइक से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। पेशेंट के हित तत्काल काम पर लौटें।

मंगल पांडेय, हेल्थ मिनिस्टर