-सेतु के पाया और पीपा से टकराने से हादसा, एनडीआरएफ ने 12 को बचाया

-इस बड़ी नाव में 10 लोग सवार थे, एक के लापता होने की आशंका

-भद्र घाट के पीपा पुल से टकराकर छोटी नाव डूबी, इस पर तीन लोग सवार थे

PATNA: गाय घाट और भद्र घाट में शुक्रवार की सुबह एक के बाद एक दो नाव गंगा की तेज धार में डूब गई। इस पर सवार लोगों को डूबता देख लोगों ने हल्ला मचाया। भद्र घाट में मौजूद एनडीआरएफ की टीम ने गायघाट में गांधी सेतु के पाया संख्या 43 से टकराकर डूब रही बालू लदी बड़ी नाव पर सवार 10 लोगों को पानी से बाहर निकाला। यह सभी श्रमिक थे। इस नाव पर सवार एक व्यक्ति के लापता होने की बात सुरक्षित निकाले गए लोगों द्वारा कही जा रही है। इस घटना से पहले एनडीआरएफ की टीम ने भद्र घाट में पीपा पुल से टकराकर डूब रही एक नाव पर सवार दो व्यक्ति को सुरक्षित पानी से निकाला। इस नाव पर सवार एक किशोर पीपा पुल को पकड़ कर सुरक्षित बाहर निकल गया। बालू लदी नाव पानी में डूब गयी।

अशोक का नहीं चला पता

पानी से बाहर निकाले गए 10 श्रमिकों ने बताया कि उसका एक साथी अशोक कुमार राय भी उसके साथ सवार था। उसका पता नहीं चल रहा है। यह सभी व्यक्ति सारण क्षेत्र के सबलपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि दीघा की ओर से बालू लेकर दीदारगंज की ओर जा रहे थे। दो डूबी नावों पर सवार लोगों की ¨जदगी बचाने में एनडीआरएफ के हेड कांस्टेबल मणि राम, कांस्टेबल श्रीकांत, मो। मुलाजिम, कमलेश कुमार आदि सक्रिय रहे। उन्होंने पानी से निकाले गए लोगों को गंगा तट पर लिटा कर पेट से पानी निकाला। घटनास्थल पर मौजूद एनडीआरएफ के हेड कांस्टेबल ने बताया कि भद्र घाट में सुबह करीब 10 बजे पीपा पुल से टकराकर एक नाव के डूबने की खबर मिलने पर जवान वहां पहुंचकर रेस्क्यू कर रहे थे। उन्होंने उस छोटी नाव के सवार दो व्यक्ति को पानी से सुरक्षित निकाला। इसी बीच खबर मिली कि गायघाट में भी पाया संख्या 43 से टकराकर बालू लदी बड़ी नाव डूब गई है। बोट और लाइफ जैकेट की मदद से एनडीआरएफ के जवानों ने इस नाव पर सवार सभी 10 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। नाव पर एक रसोई गैस सिलेंडर भी था। वह भी पानी में बहने लगा। जवानों ने उस सिलेंडर को भी बाहर निकाला। मणि राम व श्रीकांत ने बताया कि जिस एक व्यक्ति के गंगा लापता होने की बात कही जा रही थी नदी में रेस्क्यू के दौरान उसका कुछ पता नहीं चला।