नमामि गंगे परियोजना के तहत बने नाले का हो रहा था फ्लोर टेस्ट

- टेस्ट के पहले सफाई करने चैंबर में उतरे थे मजदूर

- नहीं थे सुरक्षा इंतजाम, कंपनी की लापरवाही आई सामने

PATNA : नमामि गंगे परियोजना के तहत एलएनटी (लार्सन एंड ट्रूब्रो) कंपनी द्वारा नाले का निर्माण कराने के दौरान सोमवार को फुलवारी शरीफ चैंबर में उतरे दो मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों की पहचान पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के खोरीगोना गांव निवासी मो। सद्दाम उर्फ इदरीस (29 वर्ष) व मो। इकबाल (26 वर्ष) के रूप में हुई है। प्रत्यक्षदर्शी सहकर्मियों ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब आठ बजे नाले का फ्लोर टेस्ट करने के लिए सफाई करने मो। सद्दाम हुसैन 30 फीट गहरे बने चैंबर में उतरा। दो घंटे तक सद्दाम ने जब कोई जवाब नहीं दिया तो मो। इकबाल ने आवाज लगाई। जवाब नहीं मिलने पर शोर मचाते हुए इकबाल भी सीवर में उतर गया। इस दौरान दोनों की चैंबर में दम घुटने से मौत हो गई। इससे सहकर्मियों में अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोगों की भीड़ भी जमा हो गई।

कार्यालय छोड़ कर्मी फरार

घटना के बाद बेउर स्थित एलएनटी कार्यालय छोड़कर कंपनी के सभी वरीय कर्मी फरार हो गए। लगातार कॉल करने पर ¨रग होने के बाद भी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विजय गोयल ने फोन रिसीव नहीं किया। सूचना पाकर स्थानीय पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। बेउर थाने में तैनात प्रशिक्षु डीएसपी अमित कुमार ने बताया, एलएनटी व पेटी ठीकेदार नयन रागा द्वारा नाले की सफाई कराई जा रही थी। इस बीच दो मजदूरों की चैंबर में दम घुटने से मौत हुई है। कंपनी के वरीय कर्मियों की कुछ लापरवाही सामने आई है। पुलिस सभी बिंदुओं पर छानबीन कर रही है।

रेस्क्यू के बाद निकला शव

प्रशिक्षु डीएसपी के अनुसार, सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने बचाव कार्य शुरू करते हुए घटनास्थल पर ऑक्सीजन सिलेंडर और दो जेसीबी मशीन मंगवाई। चैंबर के पूर्व व उत्तर तरफ पहले छह-छह फीट का गड्ढा खोदा गया, जिससे अंदर तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। एक घंटे की मशक्कत के बाद दोनों शव को सुबह 11 बजे बाहर निकाला जा सका। इस बीच स्थानीय लोगों ने आसपास गड्ढे खोदकर छोड़े जाने को लेकर काफी नाराजगी जताई और मजदूरों की मौत का जिम्मेदार कंपनी को ठहराया।

बिना सुरक्षा किट उतरे थे मजदूर

खुद प्रशिक्षु डीएसपी का मानना है कि चैंबर में सफाई के दौरान सुपरवाइजर या कंपनी का कोई इंजीनियर मौजूद रहता तो मजदूरों की जान बचाई जा सकती थी। ढक्कन खोलकर तुरंत चैंबर में उतरना मजदूरों की मौत का कारण बना। ढक्कन बंद होने के कारण पहले से ही चैंबर में मीथेन व कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस चैंबर में भर गई थी। गैस निकलने तक मजदूरों को इंतजार करना चाहिए था, लेकिन मजदूरों को सुझाव देने के लिए न तो कंपनी का इंजीनियर मौजूद था और न ही कोई सुपरवाइजर। खुद प्रोजेक्ट मैनेजर को घटना की सूचना स्थानीय पुलिस ने दी है।

कार्यपालक अभियंता से मांगा विस्तृत रिपोर्ट

सोमवार को दोपहर बेउर सीवरेज नेटवर्क प्रोजेक्ट में कार्य कर रहे पश्चिम बंगाल के दो मजदूर की सीवेज टंकी में दम घुटने के कारण मौत हो गई। इस घटना को लेकर बुडको ने सख्त कदम उठाते हुए कांट्रेक्टर पर करवाई करने का निर्देश दिया है। बुडको के प्रबंध निदेशक रमन कुमार ने संबन्धित कार्यपालक अभियंता को प्रारंभिक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया। साथ ही संवेदक पर शोकॉज करने के लिए कहा गया।

जांच टीम का किया गया है गठन

मुख्य अभियंता नमामि गंगे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी टीम गठित की गई है। इस टीम में नमामि गंगे के मुख्य अभियंता एन के तिवारी, बुडको के अधीक्षण अभियंता सतेंद्र कुमार, पर्यावरण एवं सेफ्टी ऑफिसर लता चौधरी शामिल है। समिति 2 दिन के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को पेश करेगी जो भी दोषी होंगे उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बुडको द्वारा क्रियान्वित सभी परियोजनाओं में सुरक्षा प्रोटोकाल पालन करने का सख्त आदेश दिया गया, ताकि पुन: ऐसी घटना न हो। कार्यपालक अभियंता इसे सुनिश्चित करेंगे। इसके अतिरिक्त अन्य सभी प्रोजेक्ट में जो भी कार्य चल रहे हैं उसमें सेफ्टी नॉ‌र्म्स का कड़ाई से पालन किया जाए नहीं तो संवेदक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सेफ्टी का ध्यान नही रखने पर कार्यपालक अभियंता भी इस कार्य के लिए दोषी होंगे और उन पर कार्रवाई की जाएगी।