- स्टेट के 15.7 परसेंट पेशेंट हैं डायबिटिक व हाइपरटेंशन से ग्रस्त

- कोलेस्ट्रॉल, बीपी, सुगर व लाइफस्टाइल को रखें ठीक, वरना हो सकती है मुश्किल

PATNA: अनकंट्रोल डायबिटीज और बीपी की प्रॉब्लम बढ़कर किडनी की बीमारियों को और भी बढ़ा रही हैं। चिंता होना इसलिए लाजमी है, क्योंकि दुनिया में सबसे अधिक डायबिटिक पेशेंट इंडिया में हैं। पीएमसीएच के मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ पंकज हंस के मुताबिक अब यह देखा जा रहा है कि डायबिटिक के एक-तिहाई पेशेंट में किडनी की कोई न कोई बीमारी जरूर है। उन्होंने बताया कि अगर डायगनोस नहीं किया जाए, समय रहते तो वह किडनी और क्रोनिक किडनी की परेशानी बन सकती है। इन्हीं बातों के प्रति अवेयरनेस के लिए इस साल का थीम है-'किडनी हेल्थ फॉर ऑल'। जानकारी हो कि इंडिया को डायबिटिक कैपिटल कहा जाने लगा है।

डायबिटीज और हाइपरटेंशन

अगर अनकंट्रोल्ड डायबिटीज के पेशेंट को हाइपरटेंशन भी हो, तो इससे किडनी के डैमेज होने का खतरा सबसे अधिक हो जाता है। इस बारे में न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पीटल में सुपरिंटेंडेंट व इंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि डायबिटीज और हाइपरटेंशन के ख्भ् से फ्0 परसेंट केसेज में यह आगे डेवलप करके क्रोनिक किडनी की बीमारी में बदल जाता है। डॉ मनोज ने बताया कि अगर क्रोनिक किडनी जैसी समस्या के रूप में प्रॉब्लम कम्पाउंड न करे, तो आप इन चार प्रॉब्लम को कंट्रोल में रखें। ये हैं-बीपी, कोलेस्ट्रॉल, सुगर और लाइफस्टाइल।

दुनिया में सबसे अधिक डायबिटीज के पेशेंट इंडिया में हैं। हाल के दिनों में देखा गया है कि इसमें से एक-तिहाई पेशेंट को किडनी से संबंधित प्रॉब्लम हो रही है।

-डॉ पंकज हंस, असिस्टेंट प्रोफेसर मेडिसिन डिपार्टमेंट, पीएमसीएच

बिहार के शहरी क्षेत्र के क्भ्.7 परसेंट लोगों को डायबिटीज है। इसके साथ जिनको हाइपरटेंशन है, उन्हें क्रोनिक किडनी की बीमारी का खतरा है।

-डॉ मनोज कुमार सिन्हा, इंडोक्राइनोलॉजिस्ट

अगर समय रहते डायबिटीज और बीपी की समस्या पर काबू नहीं किया गया तो यह आगे डेवलप कर किडनी की बीमारियों का कारण बन सकता है।

डॉ दिवाकर तेजस्वी, सीनियर फिजिशियन