पटना (ब्यूरो)। बीते दो-दिन दिनों से पीएससीएच कैंपस में शोर है। शोर नर्सिंग स्टूडेंट्स के हॉस्टल नहीं खाली करने और नए हॉस्टल में नहीं जाने को लेकर है। बुधवार को भी पीएमसीएच में जीएनएम नर्सिंग की छात्राओं का प्रदर्शन जारी रहा। नर्सिंग की स्टूडेंट्स के प्रदर्शन से हंगामा वाले माहौल को कंट्रोल करने के लिए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची। इससे पहले सुपरिटेंडेंट और फिर पुलिस ने भी इन सभी से बातचीत कर उन्हें शांत कराने का प्रयास किया। लेकिन प्रदर्शन इसके बाद भी जारी रहा। नर्सिंग की स्टूडेंट्स की एक ही मांग है कि वे हॉस्टल खाली नहीं करेंगी और उन्हें वैशाली के राजापाकड़ हॉस्टल में भेजा जा रहा है। सरकार इस फैसले को वापस ले।

डॉक्टरों को अंदर आने से रोका
उग्र होते प्रदर्शन के दौरान पीएमसीएच कैंपस में डॉक्टरों की गाडिय़ों को भी अंदर आने से रोका गया। वहीं, मौजूद फेरी वाले, रोगियों के परिजन और सीनियर डॉक्टरों के राउंट आदि लगाने के दौरान माहौल अफरा-तफरी जैसा हो गया था। इस दौरान शोर- सराबे के बीच सुपरिटेंडेंट ऑफिस का कामकाज भी प्रभावित रहा।

खाली कराया जा रहा हॉस्टल
इन दिनों पीएमसीएच कैंपस में रिनोवेशन का काम और कैंपस में पुनर्निर्माण प्रक्रिया के तहत जीएनएम कॉलेज और उसके हॉस्टल भवन को तोड़ा जाना है। इसे लेकर नर्सिंग स्टूडेंट्स को पीएमसीएच प्रबंधन ने खाली करने का निर्देश दिया है। स्टूडेंट्स का कहना है कि- पीएमसीएच में आईसीयू है और यहां उन्हें प्रशिक्षण लेने पर सीखने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा। राजापाकड़ में उस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है, जहां बेहतर तरीके से सीखने का मौका मिले। इनका कहना है कि जीएनएम की पढ़ाई के लिए उन्होंने 3 साल के कोर्स में नामांकन कराया है, लेकिन अब उन लोगों को पटना से हाजीपुर शिफ्ट किया जा रहा है।

नहीं मानी नर्सिंग स्टूडेंट्स
बुधवार को लगातार हो रहे नर्सिंग छात्राओं के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पीएमसीएच के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ आईएस ठाकुर ने इन सभी को समझाने -बुझाने का प्रयास किया। लेकिन इनके नहीं मानने पर इन्हें सरकार से बातचीत कर मामले को आगे लेकर जाने की बात के आश्वासन के बाद हंगामा खत्म हुआ।

सरकार का प्रयास विफल
राज्य सरकार ने प्रयास किया कि जब नर्सिंग एरिया में रिनोवेशन किया जाएगा तो किराये पर ही 200 स्टूडेंट्स के रहने के लिए हॉस्टल मिल जाए। इसके लिए तमाम अहर्ताओं को पूरा करना भी था। लेकिन कोई भी निजी मकान मालिक इसके लिए सामने नहीं आया।
राज्य सरकार ने पहले ही एनएमसीएच में बने नए फार्मेसी हॉस्टल को पीएमसीएच की नर्सिंग छात्राओं को देने का फैसला किया था, लेकिन फार्मेसी छात्रों के विरोध से मामला ठंडा पड़ गया।
अब जब राजापाकड़ में हॉस्टल, टीचिंग और मेस की सुविधा मिल रही है लेकिन इस बात को भी भी लेकर उन्हें भी ठीक से जानकारी नहीं मिली।

क्यों आपत्ति है छात्राओं को
-राजापाकड़ ब्लॉक एक सुदूर क्षेत्र है जो कि महुआ अनुमंडल में पड़ता है।
यह हाजीपुर मेन टाउन और महुआ से सड़क मार्ग से बेहतर तरीके से जुड़ा हुआ है। लेकिन सिक्योरिटी का इश्यू उठाया जा रहा है।
नर्सिंग की छात्राएं सुदूर क्षेत्र में जाना नहीं चाहती है और रात के वक्त आने-जाने की कठिनाई भी रहती है।
पीएमसीएच कैंपस में रहते हुए सीखने -समझने के लिए जितनी सुविधाएं मिल रही है वह राजापाकड़ जाने के लिए नहीं मिल पाएगी।