- वैक्सीन लेने में लेटलतीफी और कोविड नियमों के अनुपालन में लापरवाही

PATNA :

कोरोना वैक्सीनेशन के अभियान की शुरुआत से अब तक शत प्रतिशत अचीवमेंट नहीं हो पाया है। इसके साथ ही दूसरी डोज लेने में भी डॉक्टर पिछड़ रहे हैं। लेकिन यह लेट लतीफी एक हद के बाद भारी पड़ सकती है। डॉक्टरों ने अलर्ट किया है कि दूसरी डोज भी समय पर लेने से ही वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति में एंटीबॉडी डेवलप होगा। जबकि बिहार में दूसरी डोज में अब तक कई डॉक्टर समय पर डोज लेने में पीछे रहे हैं।

तो दूसरा डोज प्रभावी नहीं होगा

दूसरा डोज लेने में यदि देरी हो तो क्या हो सकता है? पटना एम्स की ब्लड ट्रंासफ्यूजन ऑफिसर डॉ नेहा सिंह ने बताया कि पहला डोज के 28 दिन के बाद दूसरा डोज लेना चाहिए। इसमें यदि एक हफ्ते से ज्यादा देर हो तो दूसरा डोज भी पहले डोज जैसा व्यवहार करेगा। यानि डबल डोज लेने के बाद भी केवल पहला डोज ही प्रभावी होगा। इस स्थिति में वैक्सीन फिर से लेना होगा।

समय बढ़ने से घटता है असर

डॉ नेहा ने बताया कि वैक्सीन लेने का एक निर्धारित समय है। इसमें जितना अधिक समय बीतेगा दूसरा डोज लेने में, उसका असर कमजोर होता जाएगा। इसलिए तय समय के अनुसार ही डोज लेना चाहिए।

अब तक कई इनफेक्टेड

भले ही कोरोना के नए केसेज के मामले में बिहार आंकड़ों की नजर से काफी बेहतर स्थिति में दिख रहा है। लेकिन लापरवाही की समस्या भी इन आंकड़े में जुड़ रहे हैं। जानकारी हो कि 18 फरवरी को आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरीटेंडेंट -2 डॉ कृष्ण गोपाल वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के लिए तैयार से। लेकिन इससे पहले वे कोरोना पॉजिटिव हो गए। इसी प्रकार ,अब तक कई हेल्थ वर्कर संक्रमित हो चुके हैं।

कोविड नियमों का करें अनुपालन

डॉ एसके साही ने कहा कि वैक्सीन के पहले डोज से एंटीबॉडी डेवलप नहीं होता है। 28 दिन बाद दूसरा डोज लेने के 15 वें दिन से एंटीबॉडी डेवलप होता है। इसमें यह भी ध्यान दे कि जिन्होंने दूसरा डोज लेने का 15 दिन पूरा कर लिया है। उन्हें एंटीबाडी टेस्ट जरूर कराना चाहिए। ताकि उन्हें पता चले कि यह कितना डेवलप है। उन्होंने कहा कि मास्क पहनना, हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग आदि को पूरे वैक्सीनेशन प्रासेस तक कड़ाई से पालन करना है। तभी सेफ होगा। इसमें कोताही की वजह से ही कई डॉक्टर दूसरे डोज से पहले ही संक्रमित हो गए।

समय पर लें सेकेंड डोज

बिहार में यह देखा जा रहा है कि वैक्सीन का सेकेंड डोल लेने में शत प्रतिशत अचीवमेंट नहीं है। इसे लेने में देरी हो रही है। जानकारी हो कि सबसे पहले 28 फरवरी तक सभी हेल्थ केयर वर्कर को डोज ले लेना था लेकिन इसमें बैकलॉग की वजह से इसे बढ़ाकर 10 मार्च तक किया गया और राज्य स्वास्थ्य समिति के डेटा भी यह बता रहे हैं कि हेल्थ केयर वर्कर सेंकेंड डोज में देरी कर रहे हैं। आईएमए, बिहार के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ अजय कुमार ने कहा कि दूसरे डोज लेने के बाद ही शरीर में एंटीबॉडी बनता है। लेकिन यह समय पर ले लिया जाना चाहिए। सरकार यह प्रयास कर रही है लोगों में समय पर एंटीबॉडी डेवलप हो जाए, लेकिन लोगों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए। यह राष्ट्रहित में है कि इम्यूनिटी डेवलप करने में कोई देरी न करें।

वैक्सीन लेने में कंटीन्यूटी को मेनटेन करना ही होगा। तभी एंटीबॉडी समुचित तरीके से शरीर में बनेगा। ऐसा नहीं करने से दूसरा डोज लेने का प्रभाव कमजोर हो सकता है या खत्म हो सकता है।

- डॉ नेहा सिंह, ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर, पटना एम्स

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जल्द ही होली में कई लोग मुंबई समेत अन्य राज्यों से बिहार आएंगे। यह बेहद सावधानी बरतने का समय है। क्योंकि इसके संक्रमण को दोबारा से फैलने में देर नहीं लगेगा। इसलिए कोविड नियमों का अनुपालन करना होगा।

- डॉ एसके साही, पूर्व एचडी माइक्रोबायलाजी डिपार्टमेंट आईजीआईएमएस

वैक्सीन की सेकेंड डोज

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25 फरवरी - 75141

26 फरवरी- 79142

1 मार्च - 80774

2 मार्च- 88868

3 मार्च - 104913

4 मार्च - 137973

5 मार्च - 157803

6 मार्च - 187080

8 मार्च -217517

9 मार्च - 235059

10 मार्च- 258863

11 मार्च -

सोर्स - बिहार स्टेट हेल्थ सोसाइटी, बिहार

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बिहार में वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर्ड डॉक्टर - 464160

(सरकारी डॉक्टर - 379962, प्राइवेट डॉक्टर - 84198)