-वेंडिंग जोन नहीं होने से हर जगह है दुकानदारों का कब्जा

क्कन्ञ्जहृन्: पटना में कहीं भी जाएं, हर जगह जाम का झाम मिलेगा। व्यस्त सड़कों से लेकर कॉलोनी की सड़कों तक, हर जगह अवैध तरीके से दुकानें सजी हैं। जिससे पटनाइट्स का रोज सामना होता है। इसका सबसे बड़ा कारण है शहर में वेंडिंग जोन का नहीं होना। इसके लिए दो साल से प्रयास हो रहा है लेकिन अब तक जमीन पर कुछ भी नहीं हो पाया है। वेंडिंग जोन के लिए पटना नगर निगम ने स्थान चिन्हित किए हैं लेकिन हर इलाके में अलग-अलग भू-स्वामित्व होने के कारण एनओसी की समस्या भी आड़े आ रही है। उदाहरण के तौर पर कहीं जमीन बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की है तो कहीं आरडीसी तो कहीं रेलवे की।

मात्र दो जगहों के लिए एनओसी

पटना नगर निगम के अनुसार काली घाट से बांसघाट तक और पटना सिटी के बेगमपुर फ्लाइओवर एरिया में वेंडिंग जोन बनाने के लिए एनओसी मिल गया है। इसके बाद दोनों एरिया के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है। उप नगर आयुक्तविशाल आनंद ने बताया कि जल्द ही अन्य स्थानों के लिए भी एनओसी मिले, इसके लिए निगम तत्पर है।

यह समस्या आ रही आडे़

पटना शहर में वेंडिंग जोन नहीं होने के कारण निगम पर बार-बार सवाल उठते रहा है। इस बारे में उप नगर आयुक्तविशाल आनंद ने कहा कि पटना शहर में अलग-अलग हिस्सों में वेंडिंग जोन बनाया जाना है, लोकेशन भी तय है। लेकिन समस्या यह है कि जिस एरिया में वेंडिंग जोन बनना है, संबंधित स्टेकहोल्डर को एनओसी लेना जरूरी है। जल्दी एनओसी मिलने से काम भी तेजी से आगे बढ़ेगा।

निगम का लचर रवैया

निगम ने वेंडिंग जोन बनाने को लेकर काम तो किया है लेकिन इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका। निगम के चार सर्किल के ईओ से अलग-अलग स्थानों पर वेंडिंग जोन की पहचान की लिस्ट मांगी गई थी। इसके आधार पर अब तक पटना शहर में कुल 16 स्थानों पर वेंडिंग जोन का निर्माण किया जाना है। पटना कमिश्नर ने इसे लेकर स्पष्ट कर दिया है कि वेंडिंग जोन के लिए चिन्हित स्थानों पर किसी प्रकार का स्थायी निर्माण नहीं किया जाएगा। पटना के कमिश्नर आनंद किशोर ने निगम को निर्देशित किया है कि जो एरिया वेंडिंग जोन के तौर पर चिन्हित है, वहां स्थायी निर्माण नहीं किया जाएगा। वह सिर्फ वेंडरों को एलॉट किया जाएगा। ज्ञात हो कि अब तक 12586 वेंडर्स चिन्हित है। पिछले साल 8 दिसंबर, 2017 को इसकी रूपरेखा बनायी गई थी।

वेंडिंग जोन बनाने का काम निगम अकेले नहीं कर सकता है। इसके लिए सभी स्टेकहोल्डरों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। एनओसी की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

-विशाल आनंद,

उप नगर आयुक्त, पटना नगर निगम