ब्लास्ट के आरोपी सोनू ने खुद पर रखा है 50000 का ईनाम

- फेसबुक पर फोटो लगाकर दे रहा था चुनौती, पुलिस को मिली उसकी कई और तस्वीरें

- सोनू की तलाश कर रही पुलिस, नहीं मिला कोई सुराग, पिता भी रहता है बिहार से बाहर

PATNA: बहादुरपुर हाऊसिंग कॉलोनी बम ब्लास्ट कांड के आरोपी सोनू की तलाश पटना पुलिस तेजी से कर रही है। यह जानकार आप हैरान हो जाएंगे कि उसने खुद को जिंदा और मुर्दा पकड़े जाने पर खुद ही इनाम घोषित कर रखा है। इससे उसके अंदर की छिपे डॉन बनने की चाहत साफ नजर आती है। मानो वह उस दुनिया में जी रहा है, जहां पुलिस उसकी तलाश में लगी हो और उसे पकड़ने के लिए भारी-भरकम इनाम रखा गया हो। हालांकि आज, वह दिन भी आ चुका है, फिलहाल इसपर इनाम तो नहीं रखा गया है, मगर उसे गिरफ्तार करने के लिए बिहार और झारखण्ड की पुलिस को जरूर लगा दिया गया है।

फेसबुक पर बनाया फेक अकाउंट

पटना पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद कुछ समय पहले उसके फेसबुक से उसकी कुछ तस्वीरें निकाली है। पुलिस की मानें, तो उसने अपना फेसबुक अकाउंट भी किसी दूसरे नाम से खोल रखा था। फेसबुक पर उसकी कई सुन्दर तस्वीरें लगी हैं। कोई भी उसका मासूम चेहरा देखकर यह तो नहीं कह सकता कि बमों से खेलने की इसकी उम्र हो चुकी है।

फोटो फुनिया पर बनाई फोटो

उसने फोटो फुनिया साइट का यूज कर खुद को रॉबर के रूप में दिखाया है। उसकी तस्वीर उपर वांटेड डेड और एलाइव लिखा है, वहीं नीचे डेंजरस रॉबर और रिवार्ड डॉलर 50,000 लिखा है। बम कांड की जांच कर रहे एक सीनियर ऑफिसर का कहना है कि उसने तो खुद से ही अपनी कीमत भी लगा ली है, उसकी उम्र कम है, मगर उसकी ऐसी एक्टिविटिज से यह पता चलता है कि उसकी यह इच्छा है कि बड़ा अपराधी बने। वह पटना में लगातार आता जाता रहा है। उसके यहां कई लोगों से संपर्क है पुलिस इसका भी पता कर रही है। उन्होंने बताया कि सोनू ने फिलहाल अपना फेसबुक अकाउंट भी अभी डिलीट कर दिया है।

पिता बाहर, मां व विकलांग भाई घर पर

सोनू नालंदा के थरथरी थाना अमेरा गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम शिव कुमार है। 30 मार्च को बहादुरपुर में हुए ब्लास्ट के बाद से ही उसकी तलाश में पुलिस उसके घर गई। उसके पिता बिहार से बाहर काम करते हैं। घर पर मां है और उसका एक विकलांग भाई। पुलिस के पास जो जानकारी है, उसके मुताबिक वह मैट्रिक में फेल कर चुका है। फेसबुक सहित अन्य टेक्नीकल चीजों में काफी आगे हैं। इसी का फायदा लेने के लिए उसे अपने साथ चुहवा ने जोड़ा था।

छोटू ने ली है ट्रेनिंग

सोनू के अलावा एक और शातिर जिसकी तलाश सरगर्मी से चल रही है वह है छोटू उर्फ धर्मपाल। इंवेस्टिगेशन कर रहे एक सीनियर ऑफिसर का कहना है कि वह मैट्रिक पास, पीएलएफआई के दस्ते में बम बनाने की ट्रेनिंग ले चुका है। उसके पिता अरुण महतो की मौत हो चुकी है। पीएलएफआई के बिहार संचालक गणेश शंकर के घर से महज 50 मीटर की दूरी पर उसका मकान है। दोनों नालंदा चिकसोहरा के रहने वाले हैं। छोटू का छोटा भाई भी पटना में ही रहकर पढ़ाई करता है। बम कांड के बाद से वह भी कहीं और छिपकर रह रहा है। उसकी भी तलाश पुलिस कर रही है सारा खर्च छोटू उठाता है, ऐसे में वह भी उसके बारे काफी कुछ जानकारी दे सकता है।

The other side

रांची से एक आदमी आया और दिखाई जगह

रामकृष्णा नगर के शिवनगर रोड नम्बर फ् के रामप्रवेश राय के लॉज के एक कमरे में बम मिला सभी जानते हैं। रांची पुलिस ने इनपुट दिया था। खास बात यह है कि जिस दिन बम बरामद किया गया, उसके तीन दिन पहले ही पटना पुलिस को रांची से उस इलाके में बम होने की जानकारी दे दी गई थी, मगर तीन दिन की मशक्कत के बाद भी पटना पुलिस उस बम को ढूंढ़ न सकी। आखिरकार रांची पुलिस की ओर से एक शख्स आया और उसने पुलिस को वह घर दिखाया, जिसके बाद घेराबंदी कर बमों को बरामद किया गया। पूरे मामले के इंवेस्टिगेशन में लगे एक आफिसर ने बताया कि रांची से वह आदमी आया और वह सीधा वहां ले गया। हमलोगों ने उससे यह भी नहीं पूछा कि यह इंफॉरमेशन किस उग्रवादी ने दी है। ऑफिसर ने यह भी बताया कि कुंदन ने गिरफ्तारी के बाद बताया कि तीन झोले उसने और देखे थे वह वहीं तीन झोले हैं। जल्द ही कुंदन को फिर से रिमांड पर लिया जाएगा और उससे और भी जानकारी ली जाएगी।

बम रखा ही नहीं, बल्कि बनाया भी जा रहा

राजधानी में मिले बमों के सामान ने यह साफ कर दिया है कि इन्हें यहीं बनाया जा रहा है। टाइमर भी काफी संख्या में मिले। इसका मतलब साफ है इन्हें और बमों में जोड़ना था। साथ ही पुलिस ने कमरे से जो अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया वह बोरे में था, इसका यह मतलब की उसकी मात्रा वहीं पर तय कर बमों में लगाई जा रही थी। पुलिस के सीनियर आफिसर भी मान रहे हैं कि बमों के सामान तो लाए गए थे मगर बमों को यही एसेम्बल्ड किया जा रहा था। पीएलएफआई ने गन फैक्ट्री के साथ-साथ बम फैक्ट्री भी पटना में बना रखी थी। इससे पहले फतुहा के धवलपुरा में मिनी गन फैक्ट्री पकड़ा चुकी है, जहां क्00 पिस्टल का ऑर्डर दिया गया था।