- आईआईएम, इंदौर में मैनेजमेंट प्रोग्राम के लिए सेलेक्टेड हुए हैं विकास कुमार

- पटना से आईआईएम प्रोग्राम में एकमात्र सेलेक्टेड कैंडिडेट

PATNA: कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, इसलिए साधारण परिवार के स्टूडेंट भी असाधारण सफलता अपने नाम कर लेते हैं। एनआईटी की बीटेक (इलेक्ट्रॉनिक्सस) ख्0क्0-क्ब् बैच के स्टूडेंट विकास पटेल को आईआईएम, इंदौर में पीजीपी प्रोग्राम के लिए सलेक्शन किया गया है। खास बात यह है कि पटना में किसी इंजीनियरिंग या मेडिकल कालेज में अपीयरिंग स्टूडेंट रहते हुए यह सफलता पाने वाले एकमात्र स्टूडेंट हैं। अपीयरिंग का मतलब पहली बार से है। इससे पहले फाइनल ईयर में एक साल पूरा होने से पहले ही उनका सलेक्शन कम्प्यूटर की मल्टीनेशनल कम्पनी आईबीएम में साढ़े चार लाख के पैकेज पर हो गया था, लेकिन धुन सवार थी टॉप आईआईएम से मैनेजमेंट की पढ़ाई करके बाद प्रोफेशनल कॅरियर शुरू करने की, जिसे उसने बखूबी किया।

एक के बाद पास हुआ टेस्ट

आईआईएम, इंदौर में एडमिशन पाने के लिए विकास ने हर टेस्ट पास किया। कैट ख्0क्फ् में उसने 9भ्.भ् परसेंटाइल स्कोर किया। इसके बाद वैट यानि रिटेन एबिलिटी टेस्ट पास होने के बाद पर्सनल इंटरव्यू के लिए कॉल आया, जिसमें सफल होने के बाद मैनेजमेंट प्रोग्राम में एडमिशन मिला। इंदौर जाने से पहले विकास ने आई नेक्स्ट से बातचीत में बताया कि वह मैनेजमेंट करने के बाद बैंकिंग क्षेत्र में इनवेस्टमेंट को इंडिया में अधिक से अधिक लाने पर जोर देना चाहता है।

साधारण परिवार का असाधारण लड़का

बेहद साधारण परिवार में जन्मे मेधावी विकास पटना के दीघा निवासी शैलेश कुमार का एकमात्र बेटा है। हालांकि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, इसलिए बाहर हायर एजुकेशन नहीं ले पाया। इंजीनियरिंग के दौरान उसने स्कूली बच्चों को ट्युशन भी कराया। उसके पिता बताते हैं कि उसने एआई ट्रिपल ई के जरिये एनआईटी में एडमिशन लिया। उसकी रैंकिंग अच्छी थी। वह दिल्ली या कहीं और न जाकर एनआईटी, पटना में एडमिशन लेने का निर्णय किया। उसका 7.भ् सीजीपीए था।

प्रोफाइल

विकास कुमार

पिता -शैलेश कुमार

मां-सुधा देवी

एजुकेशन-बीटेक (इलेक्ट्रिॉनिक्स)

अचीवमेंट- आईआईएम, इंदौर में मैनेजमेंट प्रोग्राम के लिए सलेक्टेड