PATNA : लोगों की जान से खेलने वालों की तलाश पटना पुलिस ने तेज कर दी है। एक्सपायरी और नकली दवा का गोरखधंधा करने वालों की तलाश में लगातार पटना पुलिस की स्पेशल टीम छापेमारी कर रही है। खासकर, इस मामले में पुलिस को मेन सरगना व कबाड़ी कारोबारी रमेश पाठक की सरगर्मी से तलाश है। पुलिस की स्पेशल टीम रमेश के राइट हैंड बिट्टू कुमार, गोल्डन और प्रदीप को भी खोज रही है। ये सभी एक्सपायरी दवाओं को खरीदने और फिर उसमें केमिकल मिलाकर नए पैकिंग के साथ मार्केट में सप्लाई करने में पूरी मदद करते थे। फिलहाल रमेश पाठक समेत ये सभी फरार हैं। इन सब की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी मनु महाराज के आदेश पर एक स्पेशल टीम का गठन किया गया है। गठन के बाद से ही स्पेशल टीम रमेश पाठक और बिट्टू के कई ठिकानों पर छापेमारी की। हालांकि अब तक इस इस मामले में पुलिस टीम को कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।

- संदिग्ध है मकान मालिक की भूमिका

बिस्कोमान कॉलोनी स्थित रमेश पाठक के जिस ठिकाने से पुलिस टीम ने भाड़ी मात्रा में एक्सपायर व नकली दवाएं बरामद की थी। वो ठिकाना किराए पड़ है। जिसके मकान मालिक हैं रघुनंदन प्रसाद। पुलिस की मानें तो इस पूरे मामले में मकान मालिक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। सोर्स बताते हैं कि जल्द ही पुलिस टीम इस मामले में संदिग्ध मकान मालिक से पूछताछ कर सकती है।

- पूछताछ के दायरे में हॉस्पिटल्स स्टाफ्स

पुलिस की जांच और पूछताछ के दायरे में कई सरकारी हॉस्पिटल के स्टाफ्स आ गए हैं। इनमें कई सरकारी हॉस्पिटल पटना के हैं। इसके साथ ही पुलिस की टीम मामले की जांच करने पटना जंक्शन स्थित रेलवे सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल भी जाएगी। यहां के कुछ स्टाफ से पूछताछ संभव है। गौरतलब है कि जब्त की गई करोड़ों रुपए की एक्सपायरी दवाएं सरकारी और रेलवे हॉस्पिटल की थीं।

- रेलवे ट्रैक के पास मिली दवाएं

नकली दवाओं के बरामदगी का सिलसिला अब भी जारी है। इस बार दवा की खेप किसी ठिकाने पर नहीं, बल्कि रेलवे ट्रैक के पास फेंकी हुई मिली। ये मामला राजीव नगर थाना एरिया का है। दरअसल, एसएचओ मृत्युंजय कुमार को काफी संख्या में दवाओं के फेंके जाने की सूचना मिली थी। थाना क्षेत्र के घुड़दौड़ मोड़ के पास से पुलिस ने फेंके गए नकली दवाओं को जब्त किया। एक अनुमान के मुताबिक इसकी कीमत करीब दो लाख रुपए है। बरामद अधिकांश दवाएं एंटी बायोटिक और लाइफ सेविंग हैं। फिलहाल पुलिस की टीम इस बात का पता लगाने में जुटी है कि रेलवे ट्रैक के पास किसने और क्यों इसे फेंका था?