- पटना नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग 16 को

- मेयर को हटने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है

- एक साल पहले भी लाया गया था अविश्वास प्रस्ताव

PATNA: पटना में बारिश होती है और शहर के कई हिस्से डूबने लगते हैं। फिर बारिश होगी और फिर डूबेगा पटना। हर साल मानसून आने से पहले ही पटना के कई हिस्सों में लोग पानी से पहले डर में डूब जाते हैं। मेयर अफजल इमाम ने पिछले दिनों कहा था कि बारिश होगी तो पटना में जल जमाव होगा ही। एक तरफ पानी का ये खौफ है और दूसरी तरफ निगम में तेज राजनीति है। मेयर को हटाने के लिए पार्षद एकजुट हो रहे हैं तो मेयर अपनी कुर्सी एक बार फिर से बचाने में पूरी ताकत झोंक रहे हैं।

इस बार विरोधी ज्यादा मुखर

मेयर के विरोधियों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद मेयर की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई है। एक साल पहले भी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तब मेयर कुर्सी बचाने में सफल हो गए थे। इस बार कठिनाई थोड़ा ज्यादा है। इस बार विरोधी ज्याद मुखर है। उस समय विरोध में फ्म् वोट पड़े थे। तीन वोट बर्बाद हो गए थे। उन पार्षदों पर गौर कीजिए जो पिछली बार समर्थन व विरोध में रहे थे।

ये पार्षद थे मेयर के सपोर्ट में

आभालता, विनोद कुमार, पिंकी कुमारी, प्रभा देवी, शिव, मुन्ना जायसवाल, संजय माली, अर्जुन यादव, विनोद गुप्ता व मोहम्मद कुरैशी आदि।

ये थे विरोध में

विनय कुमार पप्पू, दीपक चौरसिया, सुष्मा साहू, रूपा महतो, संजय, संजीत कुमार बबलू, पिंकी यादव, उप्रमिला सिंह, हेमलता वर्मा आदि।

7ख् पार्षद हैं, चाहिए फ्7 वोट

पटना नगर निगम में 7ख् वार्ड पार्षद हैं। अविश्वास प्रस्ताव पास करने के लिए फ्7 पार्षदों के वोट चाहिए। पार्षद दीपक चौरसिया कहते हैं कि पिछली बार तीन वोट गलत पड़ने से बर्बाद हो गए थे। इस बार अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष और मेयर के खिलाफ बड़ी संख्या में पार्षद एकजुट हैं। इसलिए अबकी बार मेयर का जाना तय है। वे कहते हैं कि पार्षदों की बात मेयर सुनते ही नहीं, मेयर के तानाशाही रवैये के खिलाफ ही फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। जो पार्षद पटना का भला चाहते हैं वे मेयर के साथ नहीं जा सकते। इस बार आर-पार की लड़ाई है। वे कहते हैं कि विकास के मुद्दे पर बैठक के बजाय मनमानी कितने दिन?